ट्रेन में हिंदी बोलने वालों को ढूंढकर पीट रहा है एक सनकी, एनसीआईबी ने जनता से मांगी इस युवक की जानकारी

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17फरवरी। एक तरफ फीजी में 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन चल रहा है तो दूसरी तरफ भारत में ही हिंदी के खिलाफ नफरत की राजनीति को हवा दी जा रही है। हालत यह है कि देश के दक्षिणी हिस्से में हिंदी भाषियों के साथ मारपीट तक की जा रही है। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिस पर राष्ट्रीय अपराध अन्वेषण ब्यूरो (NCIB) ने संज्ञान में लिया है। एनसीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर वह वीडियो शेयर कर लोगों से अपील की है कि मारपीट कर रहे व्यक्ति के बारे में किसी को जानकारी हो तो वह तुरंत इसकी खबर करे।

एनसीआईबी ने जो वीडियो जारी किया है, वह एक ट्रेन के अंदर रिकॉर्ड किया गया है। वीडियो में एक युवक यह कहते हुए सुना जा रहा है ‘हिंदी’ और यह कहते हुए वह बारी-बारी से दो लड़कों पर हाथ चलाते हुए देखा जा रहा है। वह लड़कों के कॉलर पकड़कर खींचता है और उसपर मुक्का मारता है। इस वीडियो के साथ एनसीआईबी हेडक्वॉर्ट्स ने लिखा, ‘यह वीडियो दक्षिण भारत के किसी हिस्से का है। इसमें एक व्यक्ति हिंदी बोलने के कारण उत्तर भारतीयों के साथ ट्रेन में मारपीट कर रहा है।’ उसने वॉट्सऐप नंबर पर इस नफरती युवक की जानकारी मांगी है। ट्वीट में कहा गया है, ‘अगर इस वीडियो या वीडियो में दिख रहें आरोपी के संबंध में आपके पास कोई जानकारी है तो हमारे व्हाट्सएप 09792580000 पर हमें उपलब्ध कराए।’

हिंदी विरोध की राजनीति से समाज में घुल रहा जहर
असल में तमिलनाडु में हिंदी विरोधी राजनीति की पुरानी परंपरा रही है। द्रविड़ राजनीति करने वाली पार्टियां खासकर सत्ताधारी डीएमके हिंदी का खुलकर विरोध करती है। इसका असर वहां के समाज के एक हिस्से पर भी देखने को मिलता है। एक वर्ग में हिंदी भाषियों के प्रति नफरत की भावना गहरा रही है। दक्षिण के अन्य राज्यों में भी हिंदी विरोध की बातें होती हैं, लेकिन तमिलनाडु जितना नहीं। इस पर विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन का कहना है कि दक्षिण भारत में हिंदी से नफरत है नहीं, पैदा की जाती है।

बहरहाल, अगर वीडियो में पिटाई करता युवक के बारे में आपको कुछ पता हो या अभी भी पता चले तो उसकी जानकारी एनसीआईबी के वॉट्सऐप नंबर पर जरूर साझा करें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। इस युवक पर ऐक्शन इसलिए जरूरी है कि अगर इस तरह के नफरत को हराना है तो इसे फैलाने वालों पर लगाम कसना ही होगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.