देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई, अमित शाह ने किया MBBS की तीन किताबों का विमोचन

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
भोपाल,16 अक्टूबर।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज यहां हिंदी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई की अभूतपूर्व पहल का शुभारंभ किया। पिछले कई महीनों से चल रही इस परियोजना के तहत एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकों को हिंदी भाषा में तैयार किया गया है। MBBS की पढ़ाई हिन्दी में करवाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड से मेडिकल पढ़ाई के हिंदी में पाठ्यक्रम की किताबों का रिमोट दबाकर विमोचन किया। इस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में शाह ने कहा कि 21वीं सदी में ब्रेन-ड्रेन का सिद्धांत रहा। भारतीय छात्रों को विदेशी भाषा में पढ़ाया गया, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी इस सिद्धांत को ‘ब्रेन-गेन’ में बदल रहे हैं। भारतीय छात्रों को उनकी अपनी भाषा में पढ़ा कर उनके चिंतन और अनुसंधान की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी इस बात पर जोर दिया था कि सिर्फ अंग्रेजी से कुछ नहीं होगा, अपनी भाषा में पढ़ कर ही विद्यार्थी देश की सच्ची सेवा कर सकेंगे।

शाह ने कहा कि हर व्यक्ति का मन सोचने, विश्लेषण करने और परिणाम तक पहुंचने की प्रक्रिया को मातृभाषा में ही पूरी करता है। हमारे देश में अगर पढ़ाई और अनुसंधान मातृभाषा में हों तो भारतीय विद्यार्थी समग्र विश्व में अनुसंधान के क्षेत्र में भारत का डंका बजाएंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को काफी अहमियत दी गई है। इसी क्रम में उन्होंने मध्यप्रदेश का विशेष संदर्भ देते हुए कहा कि इस पहलू को सबसे पहले मध्यप्रदेश ने ही जमीन पर उतारा है। इस शिक्षा नीति के बाद अपनी भाषाओं में परीक्षाएं देने की व्यवस्था को भी लागू किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व के बड़े मंचों पर अपना संबोधन हिंदी में ही दिया है। ये समूचे विश्व के लिए एक संदेश है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2014-15 में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी, जो अब बढ़कर 596 हो गई है। इसी तरह आईआईटी की संख्या 16 से बढ़कर 23, आईआईएम की 13 से बढ़कर 30, आईआईआईटी की नौ से बढ़कर 25 और देश भर में कुल विश्वविद्यालयों की संख्या 723 से बढ़कर एक हजार 43 हो गई है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.