शरद यादव की पार्टी लोजद का राजद में विलय

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समग्र समाचार सेवा

पटना, 21 मार्च। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) का राजद में विलय कर लिया है। यहां अपने निवास पर रविवार को राजद के वरिष्ठ नेता एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में यादव ने पार्टी के विलय का ऐलान किया।

समाजवादियों से एकजुट होने की अपील की

इस मौके पर शरद यादव एवं तेजस्वी यादव ने लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे से निपटने के लिए समाजवादियों से एकजुट होने की अपील की। दोनों नेताओं ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर करने के लिए सभी समाजवादियों को मिलकर लड़ना होगा।

शरद ने 2018 में अपनी पार्टी लोजद बनाई थी

शरद यादव ने जदयू से अलग होकर 2018 में अपनी पार्टी लोजद बनाई थी, लेकिन अंतत: उन्होंने राजद में शामिल होने का फैसला किया है। समझा जाता है कि लालू प्रसाद की पहल पर यह शुरुआत हुई है। रविवार को विलय को लेकर आयोजित कार्यक्रम में तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। उन्होंने शरद यादव का स्वागत करते हुए कहा कि उनके राजद में शामिल होने से समाजवादी आंदोलन को मजबूती मिलेगी। इस मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मनोज झा, शिवानंद तिवारी, मीसा भारती, जयप्रकाश नारायण यादव आदि मौजूद थे।

समाजवाद का नारा देने वाले आज भ्रष्टाचारी के गोद मेः निखिल मंडल

इस विलय पर जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि शरद बाबू ने सरकारी बंगला बचाने के लिए अपनी पार्टी लोजद का विलय राजद में कर लिया है। आगे उन्होंने कहा कि शरद यादव ने राज्यसभा जाने के लिए और दिल्ली में अपनी सरकारी बंगला बचाने के लिए अपनी पार्टी लोजद का विलय राजद में कर लिया है। ये वही शरद यादव है जिसने लालूजी को सजा होने पर खुशी जाहिर की थी और कहा था भ्रष्टाचारियों के लिए सबक है यह फैसला। ऐसे में शरद जी से सवाल बनता है की अगर आपके नजर में लालूजी भ्रष्टाचारी है तो अपने दल का विलय राजद में क्यों किया? क्या सिर्फ राज्यसभा जाना ही समाजवाद है?

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