आवारा पशुओं के लिए बने सख्त कानून, शिक्षा, स्वास्थ पर नीरज शर्मा के विधानसभा में तीखे सवाल

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समग्र समाचार सेवा

चंडीगढ़, 4 मार्च। एनटीई विधायक नीरज शर्मा ने हरियाणा विधानसभा में अवारा पशुओं का मुद्दा उठाया और गांय माता के साथ बेसहारा शब्द लगाने पर विरोध किया। पशुधन में बोलते हुए उन्होंने कहा की अगर हमारे उपर से माता पिता का हाथ हठ जाए तो बेसहारा हम होगे ना की हमारे माता पिता। सरकार इसपर सख्त कानून बनांए।

गायों की देखभाल का जिम्मा उठाए सरकार

गांयों की पूरी देखभाल का जिम्मा सरकार को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुबह शाम गांय माता दूध देती है उसके बाद डेयरी संचालको द्धारा बाहर धूमने के लिए छोड़ दिया जाता है और जब माता दूध देना बंद कर देती है तो उसको अवारा धूमने के लिए छोड़ दिया जाता है।

शहर में एक डेयरी कालोनी स्थापित की जाए

इसके साथ-साथ विधायक ने एक सुझाव देते हुए कहा की हर शहर में एक डेयरी कालोनी स्थापित की जाए ताकि कोई भी गांय माता अवारा ना धूमे और सरकार के द्धारा नीति निर्धारित की जाए जिस गांय से जितनी इनकम होगी उसका इतने प्रतिशत भाग उसी गांय माता के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।

अवैध निर्माण को लेकर सरकार से तीखे सवाल

इसके साथ ही विधायक ने सवालिया लहजे में शहरी निकाय मंत्री से पूछा कि मथुरा रोड पर बदरपुर मेट्रो स्टेशन से बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन तक अवैध निर्माणों की कुल कितनी सख्या है। अवैध निर्माणो पर सरकार की टीओडी परागमन उन्मुख निकाय नीति लागू न किए जाने के क्या कारण हैं। अवैध निर्माणों को हटाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।

शर्मा के सवालों पर सरकार का जवाब

शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि वर्ष 2018 से दिल्ली फरीदाबाद सीमा झाडसैंतली सीमा तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनो किनारो पर स्थिति इकाईयों पर डोर टू डोर सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें 161 अनाधिकृत निर्माण जो की स्वीकृत भवन योजना के विपरीत हैं या भवन योजना की स्वीकृति प्राप्त किए बिना बने हुए थे उन्हे चिन्हित किया गया था। नगर निगम फरीदाबाद के पास अवैध निर्माणों को हटाने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण संकलित प्रपत्र में उपलब्ध नहीं है। सरकार ने आगे कहा कि अनाधिकृत निर्माणों की रोकथाम के लिए उल्लंधनकर्ताओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही करेंगे।

शर्मा ने प्रदेश की स्वास्थ व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल

विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया की हरियाणा राज्य में जनवरी 2015 से 31 दिंसम्बर 2021 तक सरकार के संज्ञान में आए निजी तथा सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकीय लापरवाही के मामलों की जिला वार संख्या कितनी है। इस सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि राज्य में निजी अस्पतालों में 68 और सरकारी अस्पतालों में 4 मामले आए। इस जवाब पर नीरज शर्मा ने कहा कि सरकार गलत आंकड़े दे रही है। क्योंकि कोरोना काल के दौरान अकेले फरीदाबाद में ही हाजरों केस आए तो हरियाणा में कितने केस आए होंगे।

शिक्षा का मुद्दा भी उठाया

शर्मा ने सदन में शिक्षा का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि नियम 134 ए के अंतर्गत चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए राज्य के विद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले विधार्थियों की संख्या कितनी हैं तथा प्रवेश पाने वाले छात्रो की सख्या कितनी है। चालू वर्ष में प्रवेश ना पाने वाले शेष छात्रों के प्रवेश के लिए सरकार द्धारा क्या कदम उठाए गए तथा प्रवेश ना देने वाले विद्यालय या शिक्षा संस्थानों के विरूध सरकार ने क्या कार्यवाही की।

शिक्षा को लेकर उठे सवाल पर सरकार का जवाब

सरकार ने शर्मा के सावल का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान शैक्षाणिक वर्ष के दौरान नियम 134 ए के तहत प्रवेश के लिए आवेदन वाले कुल छात्रों की सख्ंया 66237 है स्क्रूटनी और स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के 36167 छात्र और राजकीय विद्यालयों के 11298 छात्र स्कूल में प्रवेश के लिए चयन किया गया है। 45289 छात्रों में से 21000 छात्रों ने विभिन्न चयनित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में प्रवेश लिया है। सरकार ने आगे कहा कि सरकार द्धारा तीन बार समय समयावधि को बढ़ाया गया व चयनित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में योग्य विद्यार्थियों के प्रवेश हेतू जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निदेश दिए गए।

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