तेजस्वी यादव का पत्र – राजनीति में सामाजिक न्याय का दबाव या सियासी दांव पेच?

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समग्र  समाचार सेवा 
पटना, 3 मई 2025: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए केंद्र सरकार की हालिया घोषणा पर सवाल उठाए हैं।
तेजस्वी ने पत्र में इस पहल को “सामाजिक न्याय की ओर पहला क़दम” बताया है और केंद्र सरकार पर वर्षों तक इस मांग को टालने और बाधाएं खड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बिहार सरकार द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षण में केंद्र की आपत्तियों और भाजपा नेताओं की असंवेदनशील टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री से सवाल किया कि अब अचानक इस दिशा में सकारात्मक रुख क्यों दिखाया जा रहा है।
तेजस्वी ने पत्र में यह भी कहा कि केंद्र के इस “देर से आए” फैसले से यह स्पष्ट होता है कि अब समाज के हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज़ को अनसुना नहीं किया जा सकता। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि अब जबकि सरकार ने जाति जनगणना की घोषणा की है, उसे पूरी पारदर्शिता और गंभीरता से लागू किया जाए।
तेजस्वी यादव का यह पत्र 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बदलते राजनीतिक परिदृश्य में केंद्र की रणनीति पर भी सवाल उठाता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रधानमंत्री मोदी इस पत्र का किस प्रकार से जवाब देते हैं और जाति जनगणना को लेकर केंद्र की आगे की नीति क्या होती है।
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