रबी अभियान-2019 के लिए राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने खाद्यान्नों के अभूतपूर्व उत्पादन (285 मिलियन टन) के बारे में चर्चा की और केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को कारगर रूप से लागू करने के लिए राज्य सरकारों की सराहना की। श्री रूपाला ने कहा कि इस सहयोग से ही चावल (116 मिलियन टन), गेहूं (102.5 मिलियन टन), दलहनों और तिलहनों का सर्वाधिक उत्पादन संभव हुआ है। उन्होंने तिलहनों की कमी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए खाद्य तेलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आयात में कमी लाने के लिए एक अलग अभियान शुरू करने का सुझाव दिया। श्री रूपाला ने कहा कि जिला स्तर पर किसान संगठनों से परामर्श के बाद उर्वरकों की मांग की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि विभागों को समय रहते केन्द्र सरकार के पास उर्वरक की अपनी मांगों से अवगत कराना चाहिए, जिससे फसलों के महत्वपूर्ण चरणों में किसानों के लिए उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि अनुकूल मौसम का लाभ लेते हुए, रबी मौसम में बेहतर उत्पादन संभव हो सके। उन्होंने कहा कि गुजरात और पंजाब राज्य के कृषि विभागों को टिड्डियों के हमले के प्रति सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि राजस्थान में इसके बारे में पता चला है।
अपने संबोधन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सचिव श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि खरीफ मौसम में बुवाई के समय मॉनसून मंद होने के बावजूद 1054 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल की बुवाई की गई। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि अपेक्षाकृत अधिक क्षेत्रफल में फसल की बुवाई संभव होगी। विभाग ने राज्यों के कृषि विभागों की सक्रिय भागीदारी से रबी फसलों, दलहनों और तिलहनों के लिए बीज के मिनी किट वितरित करने का निर्णय लिया है। जहां तक किसान क्रेडिट कार्ड का सरोकार है, बड़ी संख्या में किसानों को इसमें शामिल करने के लिए पंजीकरण शुल्क में छूट देने, किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए न्यूनतम समय, ऋणों की संख्या बढ़ाने आदि के बारे में अनेक बदलाव किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए राज्यों के कृषि विभागों से विवरण प्राप्त किये गये है और तदनुसार योजना की समीक्षा की जाएगी। जल्द ही रबी तिलहनों और दलहनों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव श्री महापात्रा ने बताया कि तिलहन और दलहन की 45 जैव बायोफोर्टिफिकेशन किस्मेंत जारी की गई हैं। इनमें प्रोटीन और पोषक तत्वों आदि की काफी मात्रा मौजूद है। राज्योंन के कृषि विभागों से कहा है कि वे बीच केन्द्रों को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्तद मदद उपलब्धय कराएं। किसानों को सर्वाधिक लाभ मुहैया कराने के लिए खेती को कृषि प्रयोगशालाओं से सीधे जोड़ने की आवश्यएकता है।
उर्वरक सचिव ने जानकारी दी कि रबी के मौसम की शुरूआत होने के मद्देनजर राज्य के कृषि विभागों द्वारा उर्वरकों के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उर्वरकों की जरूरतों की जानकारी जिला स्तर पर मुहैया करानी होगी, जिसके बाद संबंधित राज्य सरकारों के कृषि विभाग द्वारा इसे आगे केन्द्र सरकार को प्रेषित करना होगा। यूरिया जैसे उर्वरकों का अतिरिक्त भंडार जिला स्तर पर बनाने की संभावनाएं देखनी होगी।
राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ चर्चा सत्र के दौरान कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की ओर से क्रेडिट, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य संचालन, किसान कल्याण और उर्वरक विषयों पर प्रस्तुतियां दी गईं। इस दौरान तीन राज्यों ने भी इन विषयों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर सरकार की कई प्रमुख योजनाओं के विभिन्न घटकों पर राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन – रबी अभियान, 2019 का आयोजन 20 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली के पूसा में किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री पुरूषोत्तम रुपाला ने किया। इस अवसर पर कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव, उर्वरक सचिव, एसीएंडएफडब्ल्यू सचिव, आईसीएआर तथा राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।