नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कल आयोजित एक समारोह में पेससेटर फंड कार्यक्रम के दूसरे दौर में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। एमएनआरई के सचिव श्री आनंद कुमार और भारत में अमरीका के राजदूत श्री केनेथ इयान जस्टर ने इस समारोह की सह-अध्यक्षता की।
पुरस्कारों के दूसरे दौर में, कुल 168 अभिव्यक्तियाँ प्राप्त हुईं। इनमें से, चार परियोजनाओं को अनुदान के पुरस्कार के लिए चुना गया था। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में सोसाइटी फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल स्टडीज, नई दिल्ली, कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई), नई दिल्ली और राघवेंद्र सनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (आरएसएसपीएल), बेंगलुरु शामिल हैं।
सभी के लिए ऊर्जा की पहुंच के महत्व पर जोर देते हुए, अमरीकी राजदूत ने कहा कि ऑफ-ग्रिड और स्वच्छ ऊर्जा में नवाचार ऊर्जा की पहुंच में सुधार करेगा। एमएनआरई सचिव ने सराहना करते हुए कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वाली परियोजनाएं आम आदमी पर होने वाले प्रभावों से जुड़ी हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस तरह की नवाचार परियोजनाओं को अन्य विकासशील देशों में दोहराया जा सकता है।
पेससेटर फंड को भारत और अमरीका ने 2015 में एक संयुक्त फंड के रूप में अभिनव ऑफ-ग्रिड स्वच्छ ऊर्जा उत्पादों, प्रणालियों और व्यापार मॉडल के व्यावसायीकरण में तेजी लाने हेतु प्रारंभिक चरण की अनुदान निधि प्रदान करने के लिए गठित किया था।
पेससेटर फंड का उद्देश्य प्रारंभिक चरण की अनुदान निधि प्रदान करके अभिनव ऑफ-ग्रिड स्वच्छ ऊर्जा पहुंच समाधानों के व्यावसायीकरण में तेजी लाना है, जिससे व्यवसायों में नवीन उत्पादों, व्यापार मॉडलों और प्रणालियों को विकसित करने एवं उनका परीक्षण करने की दिशा में कार्य किया जा सकेगा। फंड का मुख्य उद्देश्य ऑफ-ग्रिड नवीकरणीय ऊर्जा व्यवसायों की व्यवहार्यता में सुधार लाना है, जिससे छोटे पैमाने पर (1 मेगावाट) स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों को व्यक्तियों और समुदायों को बेचा जा सके।