राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया में द्विपक्षीय बैठक में भाग लिया; प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक का नेतृत्व किया

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स्लोवेनिया ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की; राष्ट्रपति ने भारत की प्रमुख चिंताओं को समझने तथा समर्थन देने के लिए स्लोवेनिया को धन्यवाद दिया
उच्च तकनीक, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में परस्पर सहयोग पर विचार-विमर्श हुआ
भारत और स्लोवेनिया ने 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किये; इनमें नदी संरक्षण (स्वच्छ गंगा मिशन) भी शामिल

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की अपनी यात्रा के पहले चरण में कल (15 सितम्बर, 2019) को ल्युब्ल्याना, स्लोवेनिया पहुंचे। भारत के किसी भी राष्ट्रपति की यह पहली स्लोवेनिया यात्रा है।

राष्ट्रपति आज कांग्रेस स्कवायर पहुंचे, जहां स्लोवेनिया के राष्ट्रपति श्री बोरेत पहौर ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रपति का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। दोनों राष्ट्रपतियों ने युद्ध के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति पहौर के साथ चर्चा के दौरान राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि स्लोवेनिया की यात्रा पर आकर मैं खुश हूं। दोनों राजनेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक का नेतृत्व किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भारत और स्लोवेनिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हो रही है और भारत तथा स्लोवेनिया की कंपनियां व्यापार के लिए नए अवसरों की तलाश कर रही हैं।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि भारत का विकास और स्लोवेनिया की प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमता एक-दूसरे पूरक हैं। भारत ने 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उच्च तकनीक, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। स्टार्ट-अप और नवाचार क्षेत्र भी अवसर प्रदान करते हैं। स्लोवेनिया ने रक्षा क्षेत्र में विशिष्ट प्रौद्योगिकी विकसित की है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रक्षा उपकरण और स्वच्छ जल प्रौद्योगिकी में स्लोवेनिया एक अग्रणी राष्ट्र है।

स्लोवेनिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत स्लोवेनिया के समर्थन को बहुत महत्व देता है। इसके लिए राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया के राष्ट्रपति श्री पहौर को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने न्यूक्लियर आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए स्लोवेनिया के निरंतर सहयोग की इच्छा व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। सीमापार आतंकवाद जैसी भारत की चिंताओं को समर्थन दिए जाने के लिए राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया को धन्यवाद दिया। दोनों पक्ष इस बात से सहमत थे कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ सबसे गंभीर चुनौती है और संपूर्ण विश्व को इसे पराजित करने और नष्ट करने के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।

दोनों राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में भारत और स्लोवेनिया के बीच निवेश, खेल, संस्कृति, नदी संरक्षण (स्वच्छ गंगा मिशन) विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से संबंधित 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री श्री मार्जन सारेक से भी मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों राजनेताओं ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

शाम में राष्ट्रपति श्री कोविंद भारत-स्लोवेनिया व्यापार समारोह को संबोधित करेंगे तथा स्लोवेनिया के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए रात्रि भोज में शामिल होंगे।

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