कुछ क्षेत्रों में फैली गलत सूचनाओं को दरकिनार करते हुए केन्द्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आरटीआई स्थानीय रूप से दायर की जा सकती है। उनका यह मंत्रालय आरटीआई अपील से निपटने के लिए केन्द्रीय सूचना आयोग का एक नोडल विभाग है। नई व्यवस्था के अस्तित्व में आ जाने के बाद भी आरटीआई अपील स्थानीय रूप से दायर की जा सकती है। उन्होंने ऐसी गलत अफवाहों का खंडन किया कि जम्मू-कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद आवेदक को आरटीआई दायर करने के लिए दिल्ली जाना होगा। केन्द्रीय सूचना आयुक्त श्री सुधीर भार्गव के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ निहित तत्व समाज में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां फैला रहे हैं। वे ऐसा मोदी सरकार की साहसिक पहल में बाधा डालने के लिए व्यर्थ प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कार्यभार संभालने के बाद पिछले पांच वर्षों के दौरान आरटीआई अपील दायर करने की प्रक्रियाएं काफी सरल बनाई गई हैं और इसके लिए एक निश्चित समय सीमा भी नियत की गई है। यह प्रक्रिया समान रूप से केन्द्रशासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू होगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने ब्यौरा देते हुए कहा कि पहला आरटीआई आवेदन स्थानीय लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) के यहां किया जाता है। जीवन और स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में जानकारी देने के लिए पीआईओ के लिए समय सीमा 48 घंटे निर्धारित की गई है। पीआईओ को आवेदन पत्र का जवाब आवेदन प्राप्त होने की तिथि से तीस दिन के अंदर देने की समय सीमा निर्धारित की गई। पीआईओ से जवाब मिलने के बाद आवेदक को पहली अपील नामित अधिकारी के रूप में प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के पास स्थानीय रूप से करनी होती है, चाहे मामला राज्य का हो या केन्द्रशासित प्रदेश का। केवल दूसरी अपील के मामले में आवेदन सूचना आयोग के यहां प्रस्तुत करना होता है और केन्द्र शासित प्रदेश में सूचना आयुक्त के स्थानीय रूप से उपलब्ध नहीं होने के मामले में पहली अपील आदेशों के प्राप्त होने या आदेशों की तिथि के 90 दिन के अंदर केन्द्रीय सूचना आयुक्त को भेजी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने के लिए हमने आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है और एक बड़ी सफलता के रूप में मोदी सरकार के दौरान पोर्टल के माध्यम से केन्द्रीय सूचना आयोग के समक्ष दूसरी अपील दायर करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह है कि आरटीआई आवेदक को कार्यालय समय सीमा की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है, क्योंकि अपील दिन या रात किसी भी समय अपने मोबाइल फोन पर भी की जा सकती है। ऐसा अपने घर से या किसी भी स्थान से किया जा सकता है। जम्मू–कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन के बाद कुछ गलतफहमियों के फैलने के बावजूद बाकी देश में लागू एक समान केन्द्रीय कानूनों के विस्तार से नागरिकों की भागीदारी कई गुना बढ़ जाएगी और सार्वजनिक प्रशासन अधिक नागरिक केन्द्रित हो जाएगा।