नयी दिल्ली। राफेल डील में आरंभ से ही प्रधानमंत्री मोदी ने विवादित रवैया अपना रखा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। केंद्र सरकार ने जवाबी हलफनामे के लिए और वक्त मांगा है। साथ ही कहा कि इस मामले की कल मंगलवार को होने वाली सुनवाई को फिलहाल टाल दी जाए। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सरकार के इस तरह के नकारात्मक रवैया पर कडी आपत्ति की है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस पर कहा कि सरकार कोर्ट को इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं कर सकती हैं।
इस दौरान मेंशनिंग में नाम ना बोलने पर बेंच में शामिल सीजेआई नाराज हो गए और उन्होंने केंद्र सरकार के वकील को फटकार लगाई। इसके साथ ही पीएम मोदी और अमित शाह के कथित तौर पर आचार संहिता उल्लंघन मामले में भी अभिषेक मनु सिंघवी को भी मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फटकार लगाई। सीजेआई गोई ने कहा कि सब कोर्ट के साथ हाइड एंड सीक का खेल क्यों खेल रहे हैं? सरकारी रवैए पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र के वकील कह रहे हें कि वो जवाबी हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं लेकिन ये नहीं बता रहे कि वो राफेल में हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं।इसलिए उनको और वक्त चाहिए तो वो इसकी सुनवाई टालना चाहते हैं। उनको कहना चाहिए कि कल (मंगलवार) दो बजे होने वाली राफेल मामले की सुनवाई में वो जवाबी हलफनामा दाखिल करना चाहते है। इसी तरह सिंघवी भी पीएम मोदी और अमित शाह का नाम नहीं ले रहे। आपको ये सब बंद करना चाहिए। कोर्ट के साथ हाईड एंड सीक खेल नहीं चलेगा। कोर्ट किसी एक दो पावरफुल लोगो के मन और मरजी से नहीं चलता। गोगोई ने कहा कि कोर्ट चाहे तो सबकी अकड़ एक पल में मिटाकर जमीन दिखा दें। कोर्ट की स्वायतता का सम्मान जरुरी है। कोर्ट सबका है और इसको कमतर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी कर सकती हैं।
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