प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की तैयारी, राहुल गांधी भी तैयार

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अनामी शरण बबल

वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी  प्रियंका? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल  गांधी बोले- सस्पेंस बुरा नहीं।
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019  महासमर की परीक्षा अब लगातार कड़ी होती जा रही है।  देश की सबसे प्रतिष्ठित लोकसभा सीट में से एक वाराणसी में आखिरी चरण 19 मई को वोटिंग होनी है।. लेकिन अब-तक अटकलें  लगाई जा रही हैं कि आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस यहां से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उतार सकती है क्या? वाराणसी का सस्पेंस साफ होता जा रहा है। अब प्रियंका के भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस पर जवाब दे दिया है। एक इंटरव्यू में राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं आपको सस्पेंस में ही रखना चाहूंगा, क्योंकि सस्पेंस हमेशा बुरा नहीं होता है। जब एक बार राहुल से फिर पूछा गया कि क्या प्रियंका का वाराणसी से चुनाव लड़ना तय है, तो इसके जवाब में राहुल ने कहा कि ना मैं हां कर रहा है और ना ही मैं मना कर रहा हूं।
गौरतलब है कि जब से प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री हुई है, तभी से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह पीएम मोदी को सीधा चुनौती दे सकती हैं। जब उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया, तो इन अटकलों ने और भी तूल पकड़ लिया था।उल्लेखनीय है कि यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर की इस मामले में काफी सक्रिय भूमिका रही है। वाराणसी से चुनाव मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से राज बब्बर बार बार अनुरोध कर रहे थे, जिसपर राहुल गांधी पहले कोई खास तव्वजो नहीं दे रहे थे। तब राज बब्बर ने राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट से बात की। सचिन पायलट ने इस बाबत अपने ससुर फारुक अब्दुल्ला से बात करके कोलकाता में आयोजित विपक्षी दलों की रैली में बात करने का आग्रह किया। इस पर फारुक अब्दुल्ला ने यह प्रस्ताव विपक्षी नेताओं के सामने रखा। जिसपर सभी दलों ने सहमति प्रकट की। इसी बैठक में इस मामले पर मौन रहने की सहमति बनी। 
बाद में सोनिया गांधी से बात करके प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर चुनावी बिसात की रणनीति बनी। प्रियंका गांधी भी राजी हुई।  इसी के तहत् राहुल गांधी केरल के वायनाड से भी चुनाव लडने के लिए तैयार हो गए। इसके पीछे उनकी मंशा है कि वाराणसी चुनाव परिणाम जैसा रहेगा उसी आधार पर राहुल गांधी वायनाड को अपना सीट बनाएंगे या प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए अमेठी को छोड़ देंगे। मगर अब लगभग तय सा हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को वाराणसी में इस बार कांग्रेस की प्रियंका गांधी से मुलाकात करना पड़ेगा। सर्वदलीय साझा उम्मीदवार के रुप में प्रियंका से पार पाना प्रधानमंत्री के लिए आसान नहीं होगा। अपने नाम काम के उपर दूसरों के जीत की गारंटी बने मोदी को भी भी कांटे के टक्कर से दो चार होना पड़ सकता है। 

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