अनामी शरण बबल
** प्रधानमंत्री का गुजरात में कोई विकल्प नहीं **महिलाओं के बीच विश्वास है मोदी की ताकत ** 26/26 दोहराव के लिए गुजरात व्यग्र अहमदाबाद/ वडोदरा। वाराणसी से सांसद होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात की आन बान शान मान और सम्मान के प्रतीक हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हल्की जीत से ज्यादातर गुजराती खासकर महिलाएं आहत हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में 26/26 की जीत को दोहराने के लिए घरेलू महिलाओं ने जनसंचार जन और जनसंवाद करके मोदी के लिए जनजागरण अभियान का मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री के प्रति ऐसी आस्था कि मोदी को आरोपित करने वालों को महिला मतदाताओं ने सबक सीखाने का संकल्प लिया है। कांग्रेस की सक्रियता के बावजूद गुजरात में भाजपा से बड़ा चेहरा होते प्रधानमंत्री मोदी सर्वमान्य स्वीकृति है। अलबत्ता अपने सांगठनिक क्षमता से सबको अचंभित करने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को महिलाएं बहुत पसंद नहीं करती। ज्यादातर महिलाओं की नजर में मोदी को भविष्य में सबसे अधिक खतरा शाह से हो सकता है। गुजराती युवाओं ने भी मोदी को शाह से सावधान रहने की जरूरत पर जोर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री पर चौकीदार चोर है का आरोप लगाना गुजरातियों के बर्दाश्त से बाहर है। खासकर महिलाओं ने कांग्रेस के खिलाफ विरोध का मोर्चा खोल दिया है। वडोदरा कि श्रीमती दर्शिनी भट्ट ने कहा कि मोदी पर बेईमानी का आरोप सफेद झूठ है। उन्होंने कहा कि जो आदमी दिन-रात देश के लिए समर्पित हो उसपर यह इल्जाम असहनीय है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी को 2019 में लाना बहुत जरुरी है। जिसके लिए 25-25 लोगों को मोदी के लिए क्यों वोट दे इसका अभियान चला रही है। हर महिला 25 महिलाओं को चुन रही है। घर की नौकरानी कूड़ा बिनने वाली से लेकर घर में आने वाले परिचितों मेहमानों अपने परिजनों अपने पड़ोसियों रिश्तेदारों को मोदी को सता में लाने के लिए मतदान करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 25 लोगों से अपनी बात कहने के लिए महिलाओं को चुनना सरल नहीं है। अक़्सर होता है कि फोन पर या परिचितों पड़ोसी से बात आरंभ करने से पहले ही बातों का मजमून पता होता है। फिर तो खुलकर चर्चा और इसके असर पर बातें हो जाती है। आणंद की घरेलू महिला सौम्या सारस्वत ने बताया कि देश के विकास और उत्थान के लिए प्रधानमंत्री मोदी को दोबारा आने की जरुरत है। सबको रोजगार हर गरीब किसान को प्रति माह छह- हजार का भुगतान कांग्रेस का सबसे बड़ा झूठ है। यह याद दिलाने पर कि मोदी जी ने तो अच्छे दिन आएंगे का दावा करते हुए हर आदमी के बैंक खाते में 15 लाख डालने का दावा किया था। इस पर कई महिलाएं बौखला उठी। गांधीनगर की चंदना पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दमदार साहसी दबंग और ईमानदार नेता हैं, और इतनी खूबियों वाले आदमी को दोबारा मौका देने की जरुरत है। अहमदाबाद की मशहूर लेखिका अंजना संधीर ने भी मोदी को फिर से सता में वापसी की वकालत की। उन्होंने कहा कि एक ईमानदार प्रधानमंत्री के चलते सैकड़ों बेईमान अधिकारियों नेताओं पर अंकुश लगा है।
: पहली बार मतदान करने वालों में फूड कम्युनिकेशन में रिसर्च कर रही प्रियांशी ने कहा कि एक उर्जावान और विकास स्किल मैनेजमेंट और देश को लेकर सपना देखने वाले मोदी के हाथ को सबल करने की आवश्यकता है। पहली बार वोट को लेकर काफी उत्साहित राजन बघेल ने कहा कि मोदी जी का बहुत अधिक बोलना अब पहले जैसा रास नहीं आता पर किसी गूंगे या अनाड़ी आदमी से बेशक बेटर मोदी ही हो सकते हैं। अहमदाबाद के एक संस्थान के प्रमुख आत्म स्वरूप ने कहा कि मोदी एक जादूगर की तरह है जो किसी भी विपरीत हालात और किसी भी कीमत पर किसी के सामने देश का सिर झुकने नहीं दे सकता। यदि हमें अपने सता प्रमुख पर इतना भरोसा है तो उसको चुनने से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता। देश को अभी मोदी की जरुरत है। पहली बार मतदान के लिए तैयार सूरत की छात्रा रश्मि शाह ने कहा कि मेरा वोट केवल मोदी के लिए है। एक सवाल के जवाब में कहा कि दूसरे को क्यों? मोदी से बेहतर कौन है? न राहुल गांधी और ना प्रियंका गांधी। मै अपना वोट फ़ालतू क्यों करूं। चुनावी परिणाम तो 23 मई को सामने आएगा, मगर लगता है कि इस बार गुजरात अपने गुजराती मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री के रुप में प्रमोट हुए मोदी के मोहमाया तिलिस्म वाकपटुता ईमानदारी और पारिवारिक हालात से अभिभूत है। बकौल अंजना संधीर 17 साल तक मुख्यमंत्री- प्रधानमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के परिजनों की मां की हालत रहन सहन जीवन स्तर बेहद साधारण जनजीवन का होना इनकी ईमानदारी और सामान्य लोगों के नेता होने का सबसे बड़ा सबूत है। जिससे पूरा गुजरात मोदी को लेकर अभिभूत है। तो पूरा गुजरात 26/26 के शानदार रिकॉर्ड को फिर से दोहराव के लिए मोदी के साथ खड़ा दिख रहा है। यानी मोदी मैजिक बरकरार है। ।।।।।।