प्रयागराज महाकुंभ-2019/ कल-आज-कल

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने किया संगम में स्नान, अद्वितीय छटा देख हुए मुग्ध
 भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कल प्रयाग के पावन संगम पर गंगा की अविरल धारा को नमन किया। उन्होंने यहां आचमन के बाद पूजा अर्चना की। शाम को उन्होंने बड़े हनुमान के दरबार में हाजिरी लगाई। यहां उन्होंने पूजा-आरती की। शाम को दूधिया रोशनी से जगमग दिव्य कुंभ की अद्वितीय छटा देखकर वे मुग्ध  से अभिभूत रह गए।  सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कुंभ मेले का भ्रमण किया। सबसे पहले वे अरैल पहुंचे। वहां से वह संगम तट पर गए, जहां उन्होंने आचमन के बाद त्रिवेणी की पावन धारा को नमन किया। उन्होंने  संस्कृति ग्राम और कला ग्राम में वैदिक काल से लेकर अब तक की संस्कृतियों पर आधारित झांकियों का अवलोकन किया। मेला प्रबंधन की सराहना की मेले के मोहक छवि को अद्भुत कहा।
जोड़ने की कला के जादूगर थे हंस देवाचार्य
‘मैं सुबह कुंभ में आपसे जरूर मिलकर जाऊंगा, बिना मिले नहीं जाऊंगा’, लेकिन रामानंदाचार्य जगद्गुरु स्वामी हंसदेवाचार्य का यह कहना अधूरा ही रह गया। बीच मार्ग में दुर्घटना से  दिवंगत होने की खबर सुनकर सभी स्तब्ध रह गए उनके करीबी संत मित्र निर्मल पंचायती अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा, सपने में भी नहीं सोचा था कि तीस वर्षों की मित्रता तीन घंटे में टूटकर बिखर जाएगी। बृहस्पतिवार की रात भी हम दोनों ने साथ ही भोजन किया। उनके शिविर से मैं अखाड़े लौट आया लेकिन आधी रात को उन्होंने फोन करके सुबह आने का वायदा किया था जो अब कभी नहीं पूरा हो सकेगा।… इनके निधन से कुंभ के साधू संत समाज में माहौल गमगीन रहा। 
।। विहिप की धर्मसंसद में शामिल हुए थे हंसदेवाचार्य ।।
जगतगुरू रामानुजाचार्य हंसदेवाचार्य के निधन पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने शोक जताया है। सड़क दुर्घटना में उनके निधन की सूचना मिलते ही विहिप के कुंभ मेला शिविर में शोक की लहर दौड़ गई। यहां एक शोक सभा भी हुई। इसमें कहा गया कि 31 जनवरी और एक फरवरी को हुई विहिप की धर्मसंसद में हंसदेवाचार्य जी शामिल हुए थे। वह हिंदू समाज के पुरोधा रहे।

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