30 साल बाद लकड़ी पुल युग समाप्त

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

 यहां ग्रामीणों को 30 साल बाद मिलेगा बांस के पुल से छुटकारा*
रांची। झारखंड में पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया शंख नदी पर बीते 30 साल से बांस की पुलिया पर आना-जाना कर रहे ग्रामीणों को आज़ बांस की पुलिया से छुटकारा मिल गया‌ करोड़ों की लागत से बनने वाले पुल का सांसद विद्युत वरण महतो और पोटका क्षेत्र के विधायक मेनका सरदार ने आज इसका शिलान्यास करके ग्रामीणों को पुल समर्पित किया।. पुल बनने से ग्रामीणों में खुशी है और वे सासंद, विधायक को धन्यवाद दे रहे है। आसपास के हजारों लोगों के लिए इस पुल का बनना एक स्वप्न साकार होने सा लग रहा है

डुमरिया प्रखंड के जादूगोडा समेत 15 से 20 गांव के ग्रामीणों का शंख नदी पार मुसाबनी प्रखंड आना-जाना लगा रहता था। गांव के बच्चे भी मुसाबनी हाई स्कूल और कॉलेज के लिये शंख नदी पार करते हैं. बरसात के समय पानी भर जाने से माता-पिता अपने बच्चों को डेगची में बैठकर नदी पा कराते थे।  नदी में पानी कम होने पर ग्रामीण प्रत्येक साल बांस की पुलिया बनाने है ताकि स्कूल के बच्चों को पानी में भीगना नही पड़े. बीते तीस साल से ग्रामीण शंख नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे, जो अब पूरा हो रहा है। स्थानीय नागरिकों ने भी समय-समय पर प्रमुखता से इस  समस्याओं को उजागर किया है। पुल बनने पर ग्रामीणों ने सबों के प्रति आभार जताया है.। इस लकडी वाले पउलह से वाहनों के आवागमन नहीं होता था।‌ 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.