अनामी शरण बबल
पुलवामा आतंकी आत्मघाती हमले के बाद शहीदों के सम्मान और समर्थन में भले ही पूरा देश खड़ा हो,मगर कई शहरों में कई कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए गए हैं। इन खबरों के बीच देहरादून के दो कॉलेजों ने घाटी के छात्रों को दाखिला नहीं देने का फैसला किया है। वहीं यहां के छात्रों का कहना है कि वे इस घटना के बाद दहशत के माहौल में हैं।जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को राज्य से बाहर छात्रों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और अपने संबंधित स्थानों पर ही सुरक्षित रहने को कहा है। देहरादून के अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी और बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने आगामी शैक्षणिक सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र का दाखिला नहीं लेने का फैसला किया है।
दोनों कॉलेजों के शीर्ष अधिकारियों ने छात्र संगठनों के साथ साझा किए गए अलग-अलग पत्रों में इस फैसले की पुष्टि की है। छात्र संगठन हमले के बाद सभी कश्मीरी छात्रों को निष्कासित करने की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड की राजधानी में, कुछ कश्मीरी युवकों ने आरोप लगाया था कि पुलवामा की घटना के बाद उन्हें परेशान किया जा रहा है और हमले के डर से उनके मकान मालिकों ने मकान खाली करने को कहा है। जिला पुलिस प्रशासन कश्मीरी छात्रों की सुलह प्रबंध में लगी है। उत्तराखंड के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में 250 से अधिक छात्र होने की संभावना है।