ममता और पुलिस आयुक्त के गठबंधन के पीछे के सच पर अब सुप्रीम नज़र

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

अनामी शरण बबल

राजीव कुमार पर कोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी ने बतायी अपनी जीत डर

सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल सरकार की लड़ाई में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आज  सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी सहित उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने से सीबीआई को रोक दिया। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करते हुए राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने और उन्हें जांच में मदद करनेके लिए भी कहा है। 
कोलकाता में धरने पर बैठीं मुख्यमंत्री  ममता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ‘यह जनता की जीत है और इस फैसले ने हमारे नजरिए को सही ठहराया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि  मोदी सरकार पश्चिम बंगाल सरकार को काम नहीं करने दे रही है। राज्य सरकार के कर्मचारियों अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। केंद्र हमें पैसा नहीं दे रही है। यहां तक कि बंगाली कलाकारों को भी केंद्र सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है।
धरने पर बैठी मुख्यमंत्री ममता ने कहा, ‘मैं इस बारे में अपने नेताओं से बातचीत करूंगी। मुझसे मिलने चंद्रबाबू नायडू आ रहे हैं। मैं अन्य नेताओं के साथ भी परामर्श करूंगी। मैं नवीन पटनायक से भी बात करूंगी। मेरा धरना जारी रहेगा कि नहीं इस बारे में मैं अभी नहीं बता सकती। उन्होंने कहा कि इस बारे में कानूनी परामर्श के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। अलबता पुलिस आयुक्त शारदा घोटाले और राज्य सरकार की नीयत के गठबंधन पर सुप्रीम नज़र पड़ चुकी है, जिससे उम्मीद है कि इस मामले में कुछ सार्थक फैसला होगा जिसकी आंच से बचना किसी भी अधिकारी और नेता के लिए आसान नहीं होगा। फिलहाल राजनीतिक तापमान को गरम करने में यह मुद्दा काफी मसालेदार साबित हुआ है। जिसके पीछे मुख्यमंत्री के साथ पुलिस आयुक्त का भी धरने पर बैठना क्या सरकारी आचार संहिता के प्रतिकूल नही है?

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.