अनामी शरण बबल
नयी दिल्ली/ इलाहाबाद। ज्यों ज्यों लोकसभा चुनाव करीब सरक रहा है ठीक वैसे वैसे ही संघी नेता मोहन भागवत ने राम मंदिर पर भाजपा सरकार को आगाह कर दिया है कि अगले इस का समय, उसके बाद हम देखेंगे मंदिर का जिम्मा हम-सब लोग मिलकर लेंगे।
अयोध्या में राम मंदिर नि लिए मोदी सरकार को धर्म संसद से फिलहाल छह महीने की मोहलत मिल गई है। धर्म संसद में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर की जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई केंद्र की अपील पर फैसले तक इंतजार करना चाहिए। इसका वहां मौजूद साधु-संतों ने भी समर्थन किया और इस बात पर एकमत हुए कि चूंकि मोदी सरकार से ही मंदिर निर्माण की आस है, इसलिए इसे एक बार फिर मौका मिलना चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के दूसरे दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा संतों के सामने रखा गया। इस मुद्दे पर पहले से ही हंगामे के आसार थे और ऐसा ही हुआ भी। मंदिर निर्माण की तिथि की मांग को लेकर कई संतों ने शोरशराबा किया। जिन्हें धर्म संसद से बाहर निकाल दिया गया। इसके पहले मंदिर निर्माण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपनी बात रखी। भागवत ने कहा कि मंदिर निर्माण की दिशा में केंद्र सरकार की धीमी कार्यवाही से थोड़ा निराश जरूर हूं , लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हताश नहीं हैं। भागवत ने दोहराया कि मंदिर उसी स्थान और पूर्व प्रस्तावित मॉडल के अनुसार ही बनेगा, और जरुर बनेगा। कोई भी ताकत और अदालत इसके लिए बाधक नहीं बन सकती।।।।