हेली कॉपटरों पर भाजपा का कब्जा कांग्रेस समेत दूसरे दलों के लिए घोर संकट

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अनामी शरण बबल 

नयी दिल्ली।  लोकसभा चुनाव की अभी आहट और सरगर्मियों के पंख भी नहीं लगे हैं कि भाजपा की रणनीति योजना और पूर्व तैयारी के सामने कांग्रेस समेत ज्यादातर दलों के हाथ पांव फूलने लगे हैं। चुनाव आयोग के पास आवेदन देकर देय के ज्यादातर उड़नखटोलों ( हेलीकॉप्टर) को भाजपा ने पहले ही बुक कर लिए हैं। इसके लिए भाजपा ने अब-तक 4000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। कांग्रेस समेत तमाम क्षेत्रीय दलों को भी उड़नखटोले का टोटा पड़ता दिख रहा है। उड़नखटोले के इस्तेमाल की अनुमति के लिए चुनाव आयोग के पास 55 आवेदन विचारार्थ लंबित है। दो दर्जन आवेदन देकर भाजपा ने दो माह के लिए रोजाना एक दर्जन से अधिक खटोलों और मीनी चार्टर विमानों की जरुरत बताई है।-  उल्लेखनीय है कि आमतौर पर चुनाव आयोग की सहमत के बाद ही सभी दल आपस में विचार करते हुए आवश्यकता के अनुसार हेलीकॉप्टर बुक करते हैं। छोटे छोटे दल आपस में खर्चे का बंटवारा कर लेते हैं। देश में निजी हेलीकॉप्टर विमान सेवाएं बहुत अधिक नहीं है। मोटे तौर पर करीब 240 लोगों के पास ही अपना निजी मीनी चार्टर विमानों के अलावा हेलीकॉप्टर है। सेना और राज्य सरकार के विमानों  और हेलीकॉप्टर है। ं जिसका उपयोग सरकारी  कार्यों तक ही सीमित रहता है। किसी राज्य का मुख्यमंत्री मंत्री राज्यपाल  विशेष हालात में ही  सरकारी परिवहन साधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुनावी इस्तेमाल के लिए इसका उपयोग वर्जित होता है। पूरे देस के 40 से अधिक पर्यटन स्थलों पर यात्रियों के लिए मीनी विमान और हेलीकॉप्टर का उपयोग होता है। मोटे तौर पर पूरे देश में निजी हेलीकॉप्टरों की संख्या कोई खास नहीं है। अलबत्ता कुछ राज्यों के हेलीकॉप्टर का व्यावहारिक रूप से व्यावसायिक इस्तेमाल किया जाता है। कोई भी राज्य सरकार व्यावसायिक कीमतों पर   अपने हेलीकॉप्टर किराए पर दे सकती है,मगर यह केवल राज्य सरकार की सहमति पर निर्भर है।  – भाजपा ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की समाप्ति के साथ ही मार्च2019 से लेकर मई 2019 के बीच औसतन  600 से लेकर 850 उड़नखटोले की उड़ानों की  संभावित उड़ानें  बुक हैं। जिसका किराया लगभग चार हजार करोड़ रूपए  आएंगी।–वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने भाजपा पर जानबूझकर सारे हेलीकॉप्टर और चार्टर प्लेन हाईजैक करने का आरोप लगाया है।  श्री शर्मा ने सभी दलों से अपील किया है कि चुनाव आयोग से मिलकर कोई समाधान  निकालने की मांग की जाए। उन्होंने आयोग से हेलीकॉप्टर और चार्टर प्लेन की संख्या के बाबत दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है।  समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी राजद से लेकर दक्षिण भारतीय पार्टियों के सामने भी उड़नखटोले की कमी खटक रही है।: देखना है कि सभी दलों के नेताओं के सामूहिक दवाब से क्या कोई रास्ता निकलेगा? या उड़नखटोले के बगैर कैसे प्रचार जनसभा और देश के कोने कोने में जाकर वोटरों से संवाद करना इस बार कैसे मुमकिन होगा?

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