ऑपरेशन के मामले में चीन अमरीका ताईवान को पीछे छोड़ एम्स दिल्ली बना सबसे अव्वल, एक साल में कर दिए एक लाख 94 हजार ऑपरेशन का रिकॉर्ड – – नयी दिल्ली। भारत के सबसे बड़े और सबसे बेहतर सरकारी अस्पतालों में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स नयी दिल्ली ने साल 2018 में एक लाख 94 हजार से भी ज्यादा ऑपरेशन करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। मोटे तौर पर एम्स में हर महीने लगभग 16167 मरीजों के और रोजाना औसतन 650 मरीजों के यहां पर ऑपरेशन किए जाते हैं। इतने ऑपरेशन रोजाना होने के बावजूद ऑपरेशन के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की सूची अचंभित करती हैं। करीब आठ लाख मरीजों को अपने ऑपरेशन के लिए सालों तक इंतजार करना होगा। हजारों मरीज को ऑपरेशन के लिए 2022 का डेट मिला है। ऑपरेशन के लिए उपलब्ध ऑपरेशन थियेटर डाक्टरों कर्मचारियोंऔर संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित रहने पर रोजाना एक हजार से भी अधिक मरीज ऑपरेशन के लिए उपलब्ध रहते। लंबे समय तक इंतजार नहीं कर पाने वाले लाखों मरीज दूसरे अस्पताल में भर्ती होते हैं। तो इंतजार सूची में नाम दर्ज होने के बाद भी हजारों मरीज साल दो साल बाद सही डेट पर आने में लाचार होते हैं। ऑपरेशन के दौरान मरीजों के साथ लापरवाही या मरीज के मौत का प्रतिशत लगभग जीरो हैं। यही विश्वसनीयता तमाम असुविधाजनक हालात के बावजूद मरीजों को एम्स में भर्ती होने के लिए विवश करती है। एम्स भारत का सबसे बड़ा सबसे बेहतर सरकारी अस्पताल है। एम्स के देश के ज्यादातर राज्यों में शाखाएं भी है,मगर नयी दिल्ली एम्स मुख्यालय देश का नंबर एक अस्पताल है। यहां मोटे तौर पर 4000 बिस्तरों की सुविधा है। प्रस्तावित योजना के अंतर्गत 2021 तक इसको 7000 बिस्तरों वाले अस्पताल में विकसित करना है। जगह की कमी ही एम्स के समुचित विकास का सबसे बड़ा बाधक है। दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल ताईवान में है। चांग गंग मेमोरियल अस्पताल है। इसमें दस हज़ार बिस्तरों की सुविधा है। यहां पर हर साल अधिकतम एक लाख 67 हजार मरीजों के ऑपरेशन हुए हैं। चीन के सबसे बड़े अस्पताल में 6000 बिस्तरों की सुविधा है, मगर यहां पर भी हर साल होने वाले ऑपरेटर की अधिकतम संख्या एक लाख 60 हजार से ज्यादा नहीं है। जबकि यूरोप अमरीका सहित अनेकों पश्चिमी देशों में भी बड़े बड़े अस्पताल तो है मगर ढ़ाई हजार से अधिक बिस्तरों की सुविधा नहीं है। आबादी के मामले में एशियाई देशों की तुलना में काफी कम होने के कारण मरीजों के मामले में पाश्चात्य देशों के अस्पताल ऑपरेशन में कहीं नहीं ठहरते हैं। एम्स भारत के सर्वोत्तम अस्पतालों में एक है। एम्स के मास्टर प्लान के अनुसार इसमें कुछ और ऑपरेशन थियेटर खोलने की शुरुआत हो चुकी है। मोटे तौर पर 2050 तक यहां पर रोजाना एक हजार ऑपरेशन करना संभव होगा। यानी हर साल लगभग तीन लाख मरीजों का एम्स में ऑपरेशन करना मुमकिन हो सकता है। डाक्टर अरुण गुप्ता ने कहा कि यहां पर इलाज के लिए भर्ती होना कठिन है मगर भर्ती हर मरीज की बेहतरीन इलाज ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। उल्लेखनीय है कि एम्स दिल्ली में रोजाना नए पुराने करीब 42 हजार मरीजों को यहां पर देखा जाता है। तब उपलब्धियों का यह बेमिसाल हाल है।