सट्टा बाजार में भी बेभाव हुआ कमल एग्जिट पोल से पहले एनडीए में मायूसी / अनामी शरण बबल

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फलऔडी सब्जी सट्टा बाजार मंडी जोधपुर का दावा

       नयी दिल्ली

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही 11 दिसंबर को आएगा मगर एग्जिट पोल की भविष्यवाणी और सट्टेबाजी के धुरंधरों पर यकीन करें तो हिंदी बेल्ट के तीनों भाजपा शासित राज्यों में शासित भाजपा का पता साफ होता दिख रहा है। हवा के असली रूख का अंदाजा तो मंगलवार 11 दिसंबर को ही पता लगेगा, मगर  एग्जिट पोल के तापमान से भाजपाई

कार्यकर्ताओं और दिग्गज नेताओं की बोलती बंद है, और सूखते हलक के बीच बोलती बंद है। सबकी आवाज में उल्लास और आक्रामकता की जगह अजीब तरह की खिसियाहट भरी तिलमिलाहट साफ झलक रही है। मगर खंभा नोचनें या मिठाई बांटने का असली फैसला तो 11 दिसंबर को ही पता चलेगा।  उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों में  पांच चरणों में हुए विधानसभा चुनाव सात नवंबर को समाप्त हो गया। मतदान खात्में  के साथ ही खबरिया चैनलों के उपर भावी चुनावी परिणाम एग्जिट पोल का धमाका चालू हुआ और भाजपा के खिलाफ जनलहर का धमाका करके सतारूढ़ भाजपा के सभी तरह के नेताओं की जुबान     खामोश हो गयी। पांच राज्यों के 669 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे। एक उम्मीदवार की मौत के चलते राजस्थान में एक सीट कम केवल 199 सीटों पर ही चुनाव कराया गया। कुल 668 सीटों पर हुए चुनाव के लिए मतदान से पहले अमूमन लग रहा था कि मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में एनडीए की जीत  पक्की मानी जा रही थी,मगर इंडिया टुडे एक्सिस, टाईम्स नाऊ सीएनएक्स, इंडिया टीवी, एबीपी लोकनीति और रिपब्लिक- जन की बात और रिपब्लिक- सी वोटर  सहित एक दर्जन चुनावी सर्वेक्षणों या एग्जिट पोल के गड़बड़झाला परिणामों को देखते हुए सतारूढ़ भाजपा के हाथों से सता की बाजी फिसलती हुई नजर आने लगी।
इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को साल 2019 में होने वाले लोकसभा आम चुनाव से पहले इसे सेमीफाइनल मुकाबले की तरह देखा जा रहा था और यही वजह है कि इस चुनाव को लेकर जनता और मीडिया में भारी उत्साह था। सता और विपक्षी दलों में भी जनता के ‌मूड को जानने की लालसा थी।      विपक्षी दलों को उत्साहित करने वाले इस पोल  की  हकीकत जानने के लिए अभी 48 घंटे का इंतजार करना होगा तभी इस पूर्वानुमान की सही तस्वीर सामने आएगी। -देशभर के नामी गिरामी सट्टा बाजार और सट्टा के चोर बाजारों में भी भाजपा बेभाव है। विपक्षी दलों के लिए सट्टा बाजार में भाव भी ठीक-ठाक मिल रहा है। सट्टा बाजार के अनुमानों के अनुसार राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकारें खत्म हो रही है जबकि छत्तीसगढ़ में भाजपा के मुख्यमंत्री डॉ रमण स‌िह‌ की सरकार फिर से सता में लौट रही है।‌ तेलंगाना की 90, और मिजोरम की 40 सीटों पर भी सट्टा बाजार में तेलंगाना और मिजोरम में भी सतारूढ़ सरकार की वापसी के संकेत हैं। जोधपुर के समीप फलऔडी सब्जी बाजार अपने ढंग का अनोखा अनूठा सब्जी सट्टा बाजार है। अल सुबह से लेकर दोपहर तक तो यह एक सब्जी बाजार होता है,मगर दोपहर के बाद यही बाजार सट्टा बाजार और ज्योतिष बाजार में बदल जाता है। मौसम की तरह पल पल रंग बदलता  हर पल भाव बदलते बाजार का चेहरा परिवर्तित होता रहता है। हर तरह के स्थानीय  चुनाव से लेकर विधानसभा लोकसभा चुनाव  किक्रेट फुटबॉल कब्बड्डी मैच मौसम फसलों की उपज बरसात आदि ढेरों मुद्दों पर यहां का सट्टा बाजार हमेशा गुलजार रहता है। सट्टा बाजार के अनुसार  तेलंगाना में टीआरएस को  59-61 के बीच सीटें हासिल होंगी जबकि टीडीपी- कांग्रेस सता से महरूम रहेगी। फलऔडी सब्जी मंडी सट्टा बाजार ने छत्तीसगढ़ की पेंच को दिलचस्प बना दिया है। एक तरफ़ ज्यादातर एग्जिट पोल में छत्तीसगढ़ में भाजपा की राह आसान मान रहे हैं वहीं फलऔडी सट्टा बाजार भाजपा और कांग्रेस को ‌ बराबर यानी 41-43 और 41-43  सीटें हासिल करने का अनुमान  जताया है। जिससे बसपा और अजीत जोगी के गठबंधन की  किंगमेकर की भूमिका  बढ़ सकतीं हैं। जोगी के जन कांग्रेस को यूं भी सूबे में जूनियर बीजेपी की तरह ही माना जाता है। और इधर की तरह के विवादों से  घिरी बसपा सुप्रीमो मायावती को भी साथ साथ रहने में रायपुर से लेकर दिल्ली तक होने वाले लाभ को नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा, तो महज़ कुछ सीटों के बाद भी जोगी सूबे में ताकतवर हो सकते हैं। बसपा- जोगी के बगैर  सूबे में कांग्रेस का धमाका संभव नहीं लगता है।  फलऔडी सब्जी सट्टा बाजार ने मध्यप्रदेश में भाजपा को 95-97 के बीच सीटें  देकर सता की दौड़ से बाहर का रास्ता दिखा दिया है जबकि कांग्रेस को 119-120 सीटें  देकर की सता   थमाती दिख रही है। राजस्थान सब्जी सट्टा बाजार ने 119-121 सीटों की सौगात देकर सता की चाभी थमा दी है। जबकि भाजपा के भूगोल को 61-62 के बीच रखकर सता से महरूम कर दिया है।: जबकि 40 सीटों के मिजोरम में कांग्रेस के पाले में 11-13 सीटें देकर कांग्रेस को पूर्वोत्तर के इकलौते राज्य से सता से बेदखल कर दिया। लगातार पांच बार से मुख्यमंत्री रहने वाले लालडेंगा संभवतः देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड नहीं बना पाए। वहीं पूर्वोत्तर में आजादी के सात दशक में पहली बार कांग्रेस सभी राज्यों की सता गंवा दी।
— लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के अंजाम यदि सब्जी सट्टा बाजार के अनुमान से मैच करता हुआ प्रतीत रहा तो निसंदेह सब्जी सट्टा बाजार का भाव और तापमान सबसे गरम रहेगा। उधर सट्टा बाजार के रहनुमाओं का दावा है कि पिछले 50 सालों में सब्जी सट्टा बाजार का अनुमान कभी ग़लत नहीं रहा है। एक कहावत है कि हाथ कंगन को आरसी क्या,और पढ़ें लिखे को फारसी क्या ? तो केवल  48 घंटे में यह भी पता चल जाएगा कि सब्जी सट्टा बाजार फलऔडी मंडी के दावे में कितना दम है।
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