मध्यप्रदेश में इकतरफा चुनाव करने के लिए प्रधानमंत्री का दौरा 16 से
मध्यप्रदेश में शिवराज की चौथी पारी के लिए अपने मोहक मायाजाल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दस्ता पांच दिवसीय दौरा 16 नवम्बर से हूंकार भरेगा। इसका श्रीगणेश ग्वालियर और शहडोल से किया जाएगा। एक दिन में पीएम तीन से चार जनसभाओं को संबोधित करेंगे । अमूमन एक जनसभा को 10 से 12 विधानसभा क्षेत्रों से जोड़ा गया है। इन रैलियों रोड मार्च और सभाओं के बूते सूबे की 175 से 200 विधानसभा क्षेत्रों के करोड़ों वोटरों से संवाद करेंगे। पीएम के दौरे के बाद पूरे इलाके की लहर बदल जाती है। नाना प्रकार की शासकीय विभागीय झमेलों और राफेल विवाद के बीच जनता मोदी के तेवरों को देखते के लिए उत्कंठित है। मोदी के जुमलों वायदों मुहावरों और अपने उपर लगाये जा रहे आरोपों के खिलाफ धार और प्रहार को भी देखने और सुनने के लिए लालायित है। = = === उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद यह समय उनके लिए सबसे कठिन समय है। वे कई आरोपों से घिरे हैं। जुमलों वायदों और आक्रामक तौर तरीकों के प्रति नागरिकों का आकर्षण खोता जा रहा है। पांच राज्यों में हो रहे इन विधानसभा चुनावों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले का सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है। और पहली बार चुनाव प्रचार की श्रृंखला को वे आगाज करेंगे। अगले चुनाव की भावी रणनीति और मोहक मनोहर बालसुलभ सरस सरल और मोहक भाषणों के लिए भी लोगों और मीडिया का ध्यान लगा हुआ है।======= ग्वालियर और शहडोल के बाद 18 को छिंदवाड़ा और इंदौर 20 को रीवा और झाबुआ 23 को मंदसौर और छतरपुर और 25 नवम्बर को विदिशा और जबलपुर में मोदी की आखिरी दो क्षेत्रों में तीन सभाएं होंगी। 26 नवम्बर को चुनाव प्रचार थम जाएगा और 28 नवम्बर को पूरे सूबे में एक ही दिन में मतदान होगा। == ===पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 15 नवंबर से प्रदेश में आकर जम जाएंगे। इस दौरान 28 लोकसभा सीटों का दौरा करके वे जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की दिक्कतों से रूबरू होंगे। भोपाल और बुरहानपुर समेत मुस्लिम समुदाय प्रधान क्षेत्रों में मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन को भेजा जा रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आदिवासी बहुल करीब तीन दर्जन से अधिक क्षेत्रों में प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है। छतीसगढ के बाद मध्यप्रदेश के अभियान को अन्य प्रदेशों में भी लगाया जा रहा है। पिछले माह प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा में नया भारत संपन्न भारत आत्मनिर्भर भारत बनाने का नया जुमला उछाला था। अब देखना यही दिलचस्प होगा कि क्या पांच साल से मोहक जुमलों वायदों और अच्छे दिन की आस देख रही जनता का दिल दिमाग और मिजाज क्या फिर मोदीजी के साथ साथ पीछे चलने को तैयार है?