संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पीसकीपर्स की तैनाती को लेकर दिखाई प्रतिबद्धता

प्रमोद भगत

न्यूयॉर्क, यूएसए: 73 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पीसकीपिंग ऑपरेशंस को लेकर भारत ने अपनी बात रखी। इस सत्र में वैश्विक शांति को लेकर भारत ने प्रतिबद्धता दिखाई। ट्रस्टीशिप काउंसिल चैंबर की ओर से एक्शन फॉर पीसकीपिंग (ए4पी) उच्च स्तरीय कार्यक्रम को लेकर चर्चा की गई ।

पीसकीपिंग ऑपरेशंस के महासचिव, जीन-पियरे लैक्रिक्स और भारत के फील्ड सपोर्ट के महासचिव अतुल खरे ने संयुक्त राष्ट्र शांति व्यवस्था की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार के लिए पहल की है।

भारत ने बयान में कहा, “हम शांति पालन पर साझा प्रतिबद्धताओं की घोषणा का समर्थन करने में प्रसन्न हैं। हम सभी हितधारकों को कवर करते हुए ‘एकीकृत प्रदर्शन नीति ढांचे’ के विकास का स्वागत करते हैं। साथ ही, लोगों द्वारा पीसकीपर्स (शांतिकर्मी) की तैनाती को लेकर दी गई चेतावनी को संबोधित करने की आवश्यकता पर भी जोर देते हैं।

इसी के चलते भारत आने वाले महीने में यूनिफिल (लेबनान) में अपने स्वयं के दल के साथ कज़ाखस्तान सैनिकों को सह-तैनात करेगा।

भारत ने बताया की किस तरह वो शांतिपूर्ण संचालन शुरू होने के बाद से लगातार विश्व भर में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। लगभग 50 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में शांति नियंत्रण के उच्चतम मानकों को स्थापित करने में भारतीय पीसकीपर्स (शांतिकर्मी) अग्रणी रहे हैं।

नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति केंद्र (सीएनएनपीके) में भारत शांतिपतियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के प्रयासों में योगदान देता है, खासतौर पर अफ्रीकी भागीदारों और महिलाओं के शांतिकर्मियों को प्रशिक्षण देने में मदद करता है।

पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यौन शोषण और दुर्व्यवहार (एसईए) को रोकने के लिए प्रतिबद्धता जाहीर की जिसके तहत एसजी के स्वैच्छिक कॉम्पैक्ट पर उन्होने हस्ताक्षर किए।

भारत एसईए के पीड़ितों के समर्थन में स्थापित ट्रस्ट फंड के लिए वित्तीय सहायता देने वाला पहला देश था। भारत ने लाइबेरिया में पहली महिला गठित पुलिस इकाई तैनात की है, जिसके कार्यों ने लाइबेरियाई महिलाओं को प्रेरित किया। पिछले साल भारत 15% महिला सैन्य पर्यवेक्षकों के योगदान के लक्ष्य तक भी पहुंच गया था।

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