टोक्यो, जापान: जापान ने घोषणा की है कि फ़ुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण की चपेट में आने से एक कर्मचारी की मौत हुई है। 50 वर्षीय शख़्स की मौत फेफड़ों के कैंसर से हुई है 2016 में उनके कैंसर का पता चला था। जापान सरकार ने पहले स्वीकार किया था कि विकिरण से चार कर्मचारी बीमार हुए थे लेकिन पहली बार किसी मौत की पुष्टि की गई है।
मार्च 2011 में 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी के बाद फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा था। जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर संयंत्र का कूलिंग सिस्टम नष्ट हो गया था और रेडियोएक्टिव पदार्थ लीक हुए थे।
जिस कर्मचारी की मृत्यु हुई है वह 1980 से परमाणु ऊर्जा स्टेशन में काम कर रहे थे और जब यह हादसा हुआ तब वह फ़ुकुशिमा नंबर एक प्लांट के विकिरण मापने के इंचार्ज थे।
जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि संयंत्र में नुकसान के बाद उन्होंने वहां दो बार काम किया था और उन्होंने मास्क एवं सुरक्षात्मक सूट भी पहना था।
रेडियोलॉजिस्ट् और अन्य विशेषज्ञों के पैनल के विचार जानने के बाद मंत्रालय ने पीड़ित के परिवार को मुआवज़ा देने की बात कही है।
1986 में चेरनोबिल में परमाणु हादसे के बाद फ़ुकुशिमा की घटना दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु हादसे की घटना थी।
भूकंप और सुनामी के कारण तकरीबन 18,500 लोगों की मौत हुई या वह लापता हो गए और 1,60,000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा।