नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नए राजनीतिक गठबंधन की तरफ इशारा किया है। उन्होंने बिहार में 2019 के चुनाव से पहले होने वाले गठबंधन को लेकर संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि यादवों के दूध और कुशवाहों के चावल से एक बढ़िया खीर बनाई जा सकती है।
उनकी पार्टी द्वारा बीपी मंडल की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कुशवाहा ने यादवों और अपने समुदाय के लोगों के बीच गठबंधन की बात की।
कुशवाहा ने अन्य पिछड़ा वर्ग, महा पिछड़ा वर्ग और दलितों के बीच गठबंधन करने की बात करते हुए कहा, ‘यहां बहुत बड़ी संख्या में यदुवंशी समाज के लोग जुटे हैं। यदुवंशियों का दूध और कुशवंशियों का चावल मिल जाए तो खीर बनने में देर नहीं। लेकिन खीर बनाने के लिए केवल दूध और चावल ही नहीं, छोटी जाति और दबे कुचले समाज का पंचमेवा भी चाहिए।’
कुशवाहा एनडीए में हैं और वह जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के आलोचक रहे हैं। कुशवाहा की नाखुशी का फायदा उठाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव ने उनसे बिहार के महागठबंधन में शामिल होने के लिए कहा है। उपेंद्र पर हमला करते हुए जेडीयू के एक नेता ने कहा, ‘कुशवाहा जानते हैं कि वह नीतीश के कद से मेल नहीं खाते हैं, इसी वजह से वह उनसे जलते हैं। वह लाइमलाइट में रहने के लिए इस तरह के बयान देते रहते हैं।’
यादवों को परंपरागत तौर पर पशु पालक माना जाता है। वह राष्ट्रीय जनता पार्टी के मुख्य आधार हैं। वहीं कुशवाहा कृषि समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और ओबीसी श्रेणी में आते हैं और इनकी पार्टी लोक समता है। माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से केंद्रीय मंत्री एनडीए से नाखुश हैं और उनका हालिया बयान इसका ही सबूत है।
बीपी मंडल, मंडल आयोग के अध्यक्ष थे और उन्होंने पिछड़ी जातियों के लिए नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की थी।