वॉशिंगटन, इस्लामाबाद: आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच विवाद हो गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से पहली बार बात की। अमेरिका का दावा है कि पॉम्पियो ने इमरान से आतंकियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा। जबकि पाक का कहना है कि अमेरिका ने आतंकवाद को लेकर कोई बात नहीं की।
अमेरिका बीते कई सालों से पाकिस्तान के अफगान तालिबान और अन्य कई आतंकी गुटों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देने से परेशान है। अमेरिका पाकिस्तान को न केवल कई बार चेतावनी दे चुका है बल्कि पाक को दी जाने वाली सैन्य मदद में भी कटौती कर चुका है।
Pakistan takes exception to the factually incorrect statement issued by US State Dept on today’s phone call btwn PM Khan & Sec Pompeo. There was no mention at all in the conversation about terrorists operating in Pakistan. This shd be immediately corrected.
— Dr Mohammad Faisal (@ForeignOfficePk) August 23, 2018
अमेरिका का दावा
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नुअर्ट के मुताबिक, “विदेश मंत्री पॉम्पियो ने इमरान खान को जीत पर बधाई दी। दोनों नेताओं की आतंकवाद पर बात हुई। उन्होंने ये भी कहा कि पाक युद्धग्रस्त अफगानिस्तान शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाए। पॉम्पियो ने इच्छा जताई कि नई सरकार द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने के लिए काम करे।” नुअर्ट ने ये भी कहा कि पॉम्पियो और इमरान के बीच हुई बातचीत अच्छी रही। अमेरिका अपने पूर्व बयान पर कायम है।
पाकिस्तान की दलील
नुअर्ट के बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, “अमेरिकी विदेश मंत्री और पाक प्रधानमंत्री के बीच बातचीत को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय को अपना बयान ठीक करना चाहिए। दोनों नेताओं की बातचीत में पाकिस्तान की जमीन पर चल रहे आतंकी गुटों के बारे में चर्चा नहीं की गई।” डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, माइक पॉम्पियो 5 सितंबर को पाकिस्तान आ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो वे इमरान से मिलने वाले विदेश के पहले नेता हो सकते हैं।