प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश भर के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किसानों को भरोसा दिया कि उनकी सरकार वर्ष 2002 तक किसानों की आय दोगुना करने की योजना पर काम कर रही है.
अन्नदाताओं के साथ अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में न सिर्फ अनाज का, बल्कि फल-सब्जियों और दूध का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है. इसे उपजाने वाले किसानों को उनकी फसल की पूरी लागत मिल रही है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रमुख रूप से 4 मूल बिंदुओं पर बल दे रही है. पहला, कच्चे माल की लागत कम से कम हो. दूसरा, उन्हें उपज का उचित मूल्य मिले. तीसरा, पैदावार की बर्बादी रुके और चौथा, आय के वैकल्पिक स्रोत तैयार हों
मुख्य रूप से चार मूल बिन्दुओं पर बल दिया जा रहा है।
पहला, कच्चे माल की लागत कम से कम हो,
दूसरा, उपज का उचित मूल्य मिले,
तीसरा, उपज की बर्बादी रुके,
और चौथा, आदमनी के वैकल्पिक स्रोत तैयार हों: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) June 20, 2018
पीएम मोदी ने कहा कि देश के किसानों को फसलों की उचित कीमत मिले, इसके लिए इस बार के बजट में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. कृषि क्षेत्र का बजट 2014-19 के दौरान इससे पिछले 5 वर्षों की तुलना में दोगुना होकर 2.12 लाख करोड़ रुपए किया गया. सरकार ने तय किया है कि अधिसूचित फसलों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी), उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना घोषित किया जाएगा
उन्होंने कहा कि किसानों को पहले खाद खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ती थी. लेकिन अब किसानों को खाद आसानी से मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अब किसानों के लिए 100 फीसदी नीम कोटेट यूरिया देश में उपलब्ध है.
प्रधानमंत्री के इस संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य केंद्र सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर पर आम जनता को कितना लाभ हुआ है यह पता लगाना था
प्रधानमंत्री ने बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे किसानों के साथ यह चर्चा शुरू की. इसे कृषि विज्ञान केंद्र, साझा सेवा केंद्र (सीएससी), दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा पूरे देश में प्रसारित किया गया. इस दौरान किसानों ने ‘नरेंद्र मोदी एप’ के जरिए प्रधानमंत्री से सवाल-जवाब भी किया.
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सत्ता में 4 वर्ष पूरे होने पर समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बातचीत का यह सिलसिला शुरू किया गया है. इसी कड़ी में किसानों के साथ हुई यह चर्चा प्रधानमंत्री का छठा संवाद कार्यक्रम था.