वाराणसी का सस्पेंस खत्म, मोदी के खिलाफ चुनाव लडने के लिए प्रियंका तैयार

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अनामी शरण बबल

नयी दिल्ली। वाराणसी का सस्पेंस अब लगभग खुल चुका है। मोदी के खिलाफ कौन होगा उम्मीदवार? इसको लेकर पिछले दो माह से जबरदस्त खामोशी छाई हुई थी। हर मामले में मतभेद रखने वाले विपक्षी नेताओं में भी वाराणसी को लेकर एकदम चुप्पी छाई हुई थी। विपक्ष के इस रहस्यमयी चुप्पी और चुनावी शोर में भी पसरे सन्नाटा को देखकर भाजपा भी हैरान परेशान अचंभित और अवाक थी कि आखिरकार मोदी की रणनीति किसके खिलाफ कैसी होगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज अपना भेद खोल दी है। उन्होंने कहा है यदि कांग्रेस अध्यक्ष यदि उन्हें वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए  कहेंगे तो वे इसके लिए सहर्ष तैयार हैं। 
 प्रियंका गांधी से पत्रकारों ने जब यह  पूछा कि क्या वे वाराणसी से चुनाव लड़ रही हैं? तो इसके जवाब में  प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष मुझे वहां से चुनाव लड़ने को कहेंगे तो मुझे खुशी होगी। मुझे वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में उतरने में खुशी होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी के वाराणसी से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि अभी इस मामले पर सस्पेंस बना रहने दीजिए। यही बात उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने भी आज दोहराई। मालूम हो कि यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही राज बब्बर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर इसका जवाब बना रहे थे कि वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारा जाए। राहुल गांधी की खास दिलचस्पी नहीं दिखाने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर हिम्मत नहीं हारे। कोलकाता में ममता बनर्जी के बुलावे पर विपक्षी नेताओं के जमावड़े की खबर पाते ही राज बब्बर एक बार फिर सक्रिय हो गए। बब्बर ने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से संपर्क साधा। और उनको इस बात के लिए राजी किया कि वे अपने ससुर फारूक अब्दुल्ला को इसके लिए विपक्षी नेताओं को राजी करें कि प्रियंका गांधी ही सर्वदलीय समर्थित प्रत्याशी हों। बकौल राज बब्बर सचिन पायलट के प्रस्ताव को फारूक अब्दुल्ला ने भी काफी पसंद किया और वे कोलकाता में सभी नेताओं को इसके लिए तैयार करने का जिम्मा लिया। फारूक अब्दुल्ला के प्रस्ताव पर कोलकाता में पूरा विपक्ष उछल पड़ा।  उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी वाड्रा होंगी  वाराणसी से मोदी के खिलाफ विपक्ष की प्रत्याशी! समग्र भारत में यह और ऐसी खबर करीब तीन माह पहले ही छाप दी थी। प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के हवाले से पूरी ख़बर शेयर की गई थी। राज बब्बर ने इस संवाददाता से इस बाबत पूरी जानकारी दी थी। गौरतलब है कि कोलकाता रैली के बाद विपक्षी दलों के ढेरों नेताओं ने पहले राहुल गांधी और बाद में सोनिया गांधी से मुलाकात करके प्रियंका गांधी को मोदी के खिलाफ चुनावी जंग में उतारने का अनुरोध किया। इसके बाद ही प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी का महासचिव बनाकर राजनीति में सक्रिय कर दिया। उसी समय से प्रियंका गांधी को वाराणसी से उतारने की अटकलें लगने लगी थी। मगर पिछले सप्ताह में ही पहले राहुल गांधी ने और अब प्रियंका गांधी ने भी चुनाव लडने के लिए सहमति जताकर वाराणसी के सस्पेंस को सार्वजनिक कर दिया।   प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इस बार चुनाव लडने के लिए कोई उम्मीदवार राजी नहीं हो पा रहे थे। 2014 में मोदी के खिलाफ चुनाव लडने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बार इंकार कर दिया। पिछले पांच साल से बागी होकर बक बक करने वाले मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी सीधे मोदी से टकराने से इंकार कर दिया। कभी हार्दिक पटेल तो कभी कन्हैया तो कभी भीम आर्मी के नेता का नाम हवा मे उछलता रहा। ऐसी हालत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का सामने आना वाराणसी चुनाव को काफी रोचक रोमांचक आकर्षक और मनोहर बना दिया है। संभव है कि रिकॉर्ड मतों से प्रधानमंत्री ही विजयी हों, मगर इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि मुकाबला एकतरफा नहीं है। सभी दलों के जनाधार और वोट प्रतिशत का हिसाब किताब लगाएं तो मोदी भले ही सैकड़ों नेताओ को विजयी बनाकर सांसद बनवाने में सहायक रहे हो ंं, मगर वाराणसी में दोबारा चुनाव जीतने में भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं को भीषण गर्मी मे जमकर पसीना बहाना पड़ सकता है। यानी प्रियंका गांधी टक्कर देने वाली है। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी भी तैयार नहीं हैं। अलबता वायनाड से राहुल गांधी का चुनाव लडना भी एक योजना का हिस्सा है। जिसके परिणाम सामने आने पर संभव है कि अमेठी सीट प्रियंका गांधी के लिए छोड़ दें। यानी राहुल गांधी की योजनाओं को बूझना सरल नहीं है। मोदी है तो मुमकिन है को मुमकिन करना इस बार कुछ कठिन हो सकता है।   

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