वैट से हैवीवेट होकर उभरे हैं केजरीवाल / अनामी शरण बबल

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वैट के मामले में और हैवीवेट बनकर उभरे केजरीवाल / अनामी शरण बबल      –   –                           – – –  – – आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश के इकलौते ऐसा नेता हैं जो एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री के विरोध में सबसे आगे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों को सस्ता करने के मामले में दिल्ली में वैट माफ नहीं करके अपने विरोध को बगावत का रूप दे दिया है। वैट के खिलाफ दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों की बंदी के साथ ही केजरीवाल ने एनडीए के खिलाफ अपनी आवाज और तेवर को हमलावर कर दिया है केजरीवाल के पीछे लगभग पूरा विपक्ष खड़ा हो गया है जिससे आप समेत पूरा विपक्ष आप बनाम एनडीए की लडाई और धारदार कर सकता है |
: –उल्लेखनीय है कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में रोजाना की लगातार बढोतरी के खिलाफ देश भर में रोष था। अपने खिलाफ बनते-बिगड़ते माहौल को देखते हुए केंद्र सरकार ने ढाई रुपये की कटौती कर दी। इसके साथ ही सभी राज्यों को भी अपने वैट दर में ढाई रुपये की कटौती करने की वकालत की ताकि  सभी उपभोक्ताओं को सीधे पांच रुपये की कटौती का लाभ मिल सके भाजपा एनडीए शासित प्रदेशों में भी इसे फौरन लागू कर दिया। मगर दिल्ली की आप सरकार ने दिल्लीवासियों को ढाई रूपये की राहत नही दी। दिल्ली  सरकार के बागी तेवर के खिलाफ भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया और पंप मालिकों ने एकदिवसीय कारोबार ठप्प रखा। करीब 400 पेट्रोलपंप और 169 सीएनजी पंप  मालिकों ने भी हडताल में भाग लिया।
–: दिल्ली में मोटे तौर पर एक करोड़ 18 लाख वाहन हैं। रोजाना दस लाख वाहन दिल्ली में आकर देर-सबेर रात तक दिल्ली से बाहर चली जाती है। एक दिवसीय हडताल से सरकार को करीब 300 करोड का नुकसान हुआ तो औसतन हर पेट्रोल पंप को भी 15 से 50  हजार रुपये की दैनिक आमदनी गंवानी पड़ी। तो तेल कंपनियों को भी औसतन अरबों रुपये राजस्व का घाटा हुआ है। मोटे तौर पर एक लिटर तेल पर सरकार  37 रूपये का टैक्स वसूलती है।
—- पेट्रोल पंप मालिकों की हड़ताल को लेकर जुबानी जंग अभी तक तेज है। एनडीए सरकार आप पर सरकारी रियायतें से जनता को वंचित रखने का आरोप लगाया है तो आप सुप्रीमो केजरीवाल सरकार पर छापा मारने का खौफ दिखाकर जबरन हडताल कराने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने कहा कि जनता को लाभ से रोकना किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी दिक्कत हो सकती है, इसके बावजूद आप ने केंद्र सरकार के खिलाफ यह फैसला किया है। और जनता इस विरोध को जान समझ रही । बकौल मुख्यमंत्री केजरीवाल  केवल जनता के समर्थन से ही आप एनडीए की जनविरोधी कार्रवाई के खिलाफ बागी बनी हुई है।
——: मोदी  सरकार के खिलाफ सीधे-सीधे ऐलान- ए – जंग आरंभ करके अरविंद केजरीवाल धीरे-धीरे अपने कद को लगातार कद्दावर बनाते जा रहे हैं। विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की बजाय एकला चलो नीति पर होने के बाद भी विपक्ष के लिए वे सबसे महत्वपूर्ण बनते जा रहे हैं। वैट को लेकर सरकार के खिलाफ बगावत करके केजरीवाल की मांग विपक्ष में और बढ़ गई है। हैवीवेट बनकर केजरीवाल एनडीए सरकार के विरोध की भूमिका का केंद्रीय चेहरा की स्वीकार्यता बढ़ गयी है।।देखना है कि केंद्रीय सरकार के खिलाफ आप के बागी तेवर का लाभ केवल आप या केजरीवाल को ही मिलेगा या दिल्लीवासियों के हिस्से में कुछ आएगा?
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