देश में 2091 पहुंची राजनैतिक दलों की संख्या

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग में पिछले डेढ़ महीने में 22 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इनमें सबसे अधिक पांच राजनीतिक पार्टियों को राजस्थान में मान्यता मिली है। उत्तर प्रदेश के चार दलों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।

चुनाव आयोग ने पिछले 20 जून से तीन अगस्त तक करीब 44 दिन में 22 नई पार्टियों का रजिस्ट्रेशन कर उनकी सूची सार्वजनिक की है। इसमें राजस्थान की पंच और अभिनव राजस्थान पार्टी का नाम शामिल है। आयोग की ओर से जारी सूची में उन तीन पार्टियों भारत वाहिनी पार्टी, सर्व शक्ति दल और भारतीय जन सत्ता दल का नाम भी शामिल हैं, जिन्हें इसी अवधि में रजिस्ट्रेशन मिला है। भारत वाहिनी पार्टी भाजपा छोड़ने वाले राजस्थान के दिग्गज नेता घनश्याम तिवाड़ी ने बनाई है।

आयोग की सूची के अनुसार, सबसे अधिक राजस्थान से पांच, उत्तर प्रदेश से चार, तमिलनाडु व नई दिल्ली से तीन-तीन और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, कर्नाटक, मिजोरम, बिहार व महाराष्ट्र से एक-एक पार्टी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। कई और राजनीतिक दलों ने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। इसको लेकर आयोग ने आपत्तियां मांगी हैं। इन 22 पार्टियों को मिलाकर देश में अब तक 2091 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। राजस्थान में बनी पांच पार्टियों में से एक भारत वाहिनी पार्टी आगामी चुनाव के लिए लोकतांत्रिक जनता दल के साथ गठबंधन का प्रयास कर रही है।

कुछ नई पार्टियों के नाम भी विशेष

किरायेदार-मजदूर पार्टी, न्यू मदरलैंड पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी, माई इंडिया पार्टी, आदर्श संग्राम पार्टी, पंच पार्टी, ग्रीन पार्टी, सर्वशक्ति दल और अभिनव राजस्थान पार्टी, भारतीय जनता सत्ता पार्टी जैसे कुछ रोचक नाम नई राजनीतिक पार्टियों के हैं।

शरद यादव की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी राजस्थान के नेता

दिग्गज नेता शरद यादव की नई राजनीतिक पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फतेह सिंह हैं, जोकि राजस्थान के पुराने समाजवादी नेता हैं। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र में फतेह सिंह की मजबूत पकड़ होने के साथ ही वह हमेशा कांग्रेस और भाजपा के विरोध में रहे हैं।

चुनाव में हर बार इस तरह बढ़े राजनीतक दल

पिछले दो दशक में राजनीतिक पार्टियों की संख्या में बढ़ोतरी होती रही है। साल 1990 में देश में आठ राष्ट्रीय दल और कुल 17 राज्य स्तरीय दल थे। वहीं, साल 1998 में चुनाव आयोग ने एक राष्ट्रीय दल की मान्यता खत्म की तो सात राष्ट्रीय दल बचे, वहीं 23 राज्य स्तरीय पार्टियां थीं। इसके बाद साल 2003 के चुनाव में छह राष्ट्रीय दलों ने चुनाव लड़ा, वहीं 28 राज्य स्तरीय दलों ने चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए। साल 2008 में छह राष्ट्रीय स्तर के दलों के साथ ही 36 राज्य स्तरीय और साल 2013 में छह राष्ट्रीय दलों के साथ ही 50 राज्य स्तरीय दलों ने राज्यों में चुनाव लड़ा। इस तरह राष्ट्रीय स्तर के दलों की संख्या में तो कमी आई, लेकिन राज्य स्तरीय दलों की संख्या में प्रत्येक चुनाव में बढ़ोतरी हुई है।

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