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भारतीय संविधान

संवैधानिक लक्ष्यों का सारथी: समाज को संस्कारित करता संघ”

पूनम शर्मा भारतीय लोकतंत्र के विशाल प्रांगण में अक्सर यह बहस छिड़ती रही है कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारत का संविधान दो विपरीत ध्रुव हैं? वैचारिक विरोधियों द्वारा अक्सर यह तर्क दिया जाता है कि संघ की विचारधारा और…
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संविधान सभी को जोड़ने वाली भावना का प्रतीक-डॉ. मोहन भागवत

समग्र समाचार सेवा पट्टी कल्याण, समालखा | 06 दिसंबर:अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना द्वारा 05 से 07 दिसंबर 2025 तक माधव सेवा न्यास, पट्टी कल्याण, समालखा (पानीपत) में ‘भारतीय इतिहास, संस्कृति और संविधान’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा…
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जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस पर प्रस्तावना वाचन अनिवार्य

पूनम शर्मा जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष 26 नवंबर का संविधान दिवस एक विशेष राजनीतिक और राष्ट्रीय महत्व के साथ मनाया जाएगा। केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला अवसर है जब सरकार ने प्रदेश की सभी शैक्षणिक, सरकारी, अर्ध-सरकारी और प्रशासनिक…
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सीजेआई गवई: न्यायिक स्वतंत्रता या असंवैधानिक हस्तक्षेप ?

पूनम शर्मा देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी.वाई. गवई द्वारा ट्रिब्यूनल जजों की नियुक्तियों में व्यक्तिगत नियंत्रण लेने की हालिया कार्रवाइयों ने संवैधानिक दृष्टिकोण से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में न्यायिक स्वतंत्रता संविधान का…
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‘संविधान सिर्फ शासन नहीं, जीवन का दर्शन है’: गोयल

दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज में 'युवा संगठन' द्वारा आयोजित तीन दिवसीय संवाद 'विमर्श 2025' का उद्घाटन हुआ। पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ए.के. गोयल ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया के सबसे गतिशील दस्तावेजों में से एक है, जो शासन…
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भारत के प्रसिद्ध न्यायिक मामले जिन्होंने कानून की दिशा बदल दी

पूनम शर्मा भारत की न्याय प्रणाली बहुत प्राचीन और गौरवशाली मानी जाती है। सदियों से यह न केवल न्याय देने का कार्य करती आई है, बल्कि समय-समय पर ऐसे ऐतिहासिक फैसले भी दिए हैं, जिन्होंने भारतीय संविधान और कानून व्यवस्था को नई दिशा दी। कुछ…
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इतिहास, संस्कृति और संविधान: भारत की पहचान का संगम

भारतीय इतिहास और संस्कृति की गहरी छाप संविधान के हर पहलू में देखी जा सकती है। संविधान में न्याय, समानता और लोककल्याण के सिद्धांत भारत की प्राचीन शासन पद्धतियों से प्रेरित हैं। शोधकर्ताओं के लिए शोध सारांश जमा करने की अंतिम तिथि अब…
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गवर्नर की समयसीमा पर सुप्रीम कोर्ट में , सुनवाई के चौथे दिन गूंजे तीखे तर्क”

समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 26 अगस्त-सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए अहम रेफरेंस पर चौथे दिन भी सुनवाई जारी रही। यह मामला इस बात से जुड़ा है कि राज्य विधानसभाओं से पारित विधेयकों पर गवर्नर और राष्ट्रपति को मंजूरी…
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भारत की आत्मा पर हमला: भाषा के नाम पर देश को बाँटने वाले क्षेत्रीय नेता

क्षेत्रीय नेताओं और भाषाई कट्टरपंथियों द्वारा भारत की एकता को चोट पहुँचाने वाले बयान और हिंसक हरकतें बढ़ रही हैं। महाराष्ट्र (राज ठाकरे), असम (श्रींखल चालीहा), बंगाल (बांग्ला पक्ष) और कर्नाटक (कर्नाटका रक्षणा वेदिके) जैसे समूहों पर…
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भारतीय संविधान ने लैंगिक न्याय, जीवन की सुरक्षा और सम्मान के क्षेत्र में कई मूक क्रांतियों को सक्षम…

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि भारतीय संविधान ने अपनी स्थापना के बाद से लैंगिक न्याय, जीवन की सुरक्षा और सम्मान के क्षेत्र में कई मौन क्रांतियों को सक्षम बनाया है।
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