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Vishwakarma

विश्वकर्मा : 100 शिल्प ग्रंथ प्रदाता

कलाएं कितनी हो सकती हैं? सब लोकोपयोगी हों। लोक उपयोगी सृजन से बड़ा कोई सृजन नहीं। सृजन श्रम, संघर्ष, समय को बचाने वाला और परिश्रम को सार्थक कर आजीविका देने वाला हो।
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