पाठशाला बंद है, मधुशाला खुली है…
कुमार राकेश
पाठशाला बंद है ,
मधुशाला खुली है .
दिमाग़ बंद है ,
दिल कराह रहा है .
जनता सुस्त है ,
सरकार मस्त है.
लोक नशे में है ,
तंत्र मस्ती में .
झूठ
बड़ा है ,
पर सत्य
छोटा है .
हम ज़िंदा
होने की
आस में
मरते
जा रहे है .…
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