मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य
अपनी मृत्यु...अपनो की मृत्यु डरावनी लगती है बाकी तो मौत का उत्सव मनाता है मनुष्य...
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है......
मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है ।
बकरे का, पाए का, तीतर का, मुर्गे का, हलाल का, बिना हलाल का, ताजा…
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