गजब की रचना- राजनीति पर तीखे व्यंग्य….
तुम मायावती सी निर्धन,
मै राहुल सा समझदार प्रिये।
महाराष्ट्र के गठबंधन सा,
है तेरा मेरा प्यार प्रिये।।
मैं आरएसएस का उग्रवाद,
तुम आईएसआईएस का शान्तरूप।
मैं मंदिर का कर्णकटु शंखनाद,
तुम अजान सी मधुर झंकार प्रिये
तुम…
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