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Saha Sarkaryavah

मंथन- धर्म की अवधारणा-आचार: प्रथमो धर्म:

पार्थसारथि थपलियाल लोग अक्सर धर्म की बात तो करते हैं लेकिन धर्म को जानते नही हैं। कोई मंदिर जाने को धर्म कह देगा, कोई तिलक लगाने को धर्म कह देगा। कुछ लोग रीति रिवाज को तो कोई परंपराओं को धर्म मान लेता है। यह सब अज्ञानताएं हैं। भारतीय…
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