‘स्टैंड अप कमेडी’ के ‘सोशल सर्जन’ थे राजू श्रीवास्तव
हमारे देश में काॅमेडी की परंपरा पुरानी होते हुए भी ‘स्टैंड अप काॅमेडी’ कला और इसे परफार्म करने वाले कलाकारों का कोई शास्त्रीय आकलन शायद ही हुआ है। कला जगत में उनकी स्थिति स्टेज के ट्रांसजेंडर कलाकारों जैसी रही है। न थियेटर में न सिनेमा…
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