जीवन रेखा
जीवन रेखा
आपका हाथ सर पर था
तो दिल में एक सुकून सा था।
सब कुछ कर देने का एक जनून सा था।
पता था — कुछ गलत भी हो जाए,
तो आप संभाल लेंगे।
अब एक अजीब सा अकेलापन है,
मानो शरीर से आत्मा निकल गई हो।
एक अबोध शरीर चल पड़ा है
आपके दिखाए…
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