Browsing Tag

poem on father

जीवन रेखा

जीवन रेखा आपका हाथ सर पर था तो दिल में एक सुकून सा था। सब कुछ कर देने का एक जनून सा था। पता था — कुछ गलत भी हो जाए, तो आप संभाल लेंगे। अब एक अजीब सा अकेलापन है, मानो शरीर से आत्मा निकल गई हो। एक अबोध शरीर चल पड़ा है आपके दिखाए…
Read More...