सुनो!! कान खोलकर…।। मैं मोहन पैदा हुआ था, मोहन ही मरा हूँ…
गिरीश पाण्डे
मैं मोहन पैदा हुआ था, मोहन ही मरा हूँ। महात्मा तुम्हारे बापों और दादों ने जबरन बना दिया। मुझे ना महात्मा बनना था, न राष्ट्रपिता, न राष्ट्रपति, न प्रधानमंत्री ..। हां, तुम्हारे बड़े - बूढों ने जो प्यार दिया था ,जब वो…
Read More...
Read More...