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Misconception

राष्ट्रप्रथम- ग़लत फहमी के नैरेटिव की पाठशाला

पार्थसारथि थपलियाल पापी पेट क्या नही करवाता इसका प्रबल उदाहरण है पत्रकारिता। 30-35 साल पहले झूठ का सच गड़ने वाले न समाचार पत्र हुआ करते थे न रेडियो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया। आकाशवाणी विवादित विषयों की बजाय सामाजिक उत्थान, विकासात्मक और…
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यदि गलत धारणा बनायी जा रही हो, तो मीडिया को आत्मनिरीक्षण की जरूरत : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 24जुलाई। "ये आकाशवाणी है", वे अमर शब्द हैं, जिन्हें हर भारतीय पहचान सकता है, इनकी गूंज शनिवार को आकाशवाणी भवन के रंग भवन सभागार में सुनायी दे रही थी, क्योंकि अनुराग ठाकुर ने इन शब्दों के साथ "और आज आप सूचना…
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