राष्ट्रप्रथम- दर्पण झूठ नही बोलता
पार्थसारथि थपलियाल
लोकतंत्र में तंत्र आम अवधारणा के अनुसार शासन जनता का है, लेकिन जब लोकतंत्र लूटतंत्र बन जाय तो लोकतंत्र बेईमानी बन जाता है। परिवारवादी राजनीति हो तो लोकतंत्र लूटतंत्र बन जाता है। बिना लोकलाज का लोकतंत्र गिरोहतंत्र…
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