साहस की स्वर-गाथा: कान्स में गूँजी मीनू बख्शी की अंतर्मन की कहानी ‘आई एम, आई कैन’
जब कान्स की रातें रेशमी अंधकार की चादर ओढ़े, तारों की चुप्पी में कहानियाँ आहिस्ता से फुसफुसाती हैं, तब कुछ कथाएँ होती हैं जो सिर्फ़ आँखों से नहीं, आत्मा के द्वारा अनुभव की जाती हैं। ऐसी ही एक दीपशिखा-सी कहानी है—"आई एम, आई कैन" जो भीड़ की…
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