सामूहिकता से व्यक्तिवाद तक: भारत की जनरेशन-Z का विरोधाभास
पूनम शर्मा
भारत में जनरेशन-Z यानी वे युवा जो 1997 से 2012 के बीच जन्मे हैं, आज एक ऐसे सांस्कृतिक संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं, जहां पारंपरिक परिवार-केंद्रित मूल्यों और आधुनिक, डिजिटल रूप से संचालित, व्यक्तिवादी जीवनशैली के बीच संतुलन…
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