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वक्र दृष्टि

राष्ट्रप्रथम- आत्मनिर्भर बनते भारत पर वक्र दृष्टि

पार्थसारथि थपलियाल रामचरितमानस में धनुषयज्ञ प्रकरण में धनुष टूट जाने के बाद परशुराम राजा जनक के दरबार मे पहुंच जाते हैं जहां सीता स्वयंवर आयोजित था। शिवजी के खंडित धनुष देखते ही परशुराम जब क्रोधाग्नि में आ गए। बोले- यह धनुष किसने…
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