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यहां जानें सब कुछ

ऊॅं क्या है….कैसे हुई इसकी उत्पति… ॐ बोलने से क्या है फायदे..यहां जानें सब…

 ओउम् (ॐ) या ओंकार ईश्वर का वाचक है। ईश्वर के साथ ओंकार का वाच्य-वाचक-भाव सम्बन्ध नित्य है, सांकेतिक नहीं। संकेत नित्य या स्वाभाविक सम्बन्ध को प्रकट करता है। सृष्टि के आदि में सर्वप्रथम ओंकाररूपी प्रणव का ही स्फुरण होता है। तदनन्तर सात…
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