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मैं

यह मैं हूँ क्या ?

ययह यह मैं हूँ  क्या?  चश्मा लगा कर देखा  चेहरे पर बहुत दाग थे। चश्मा उतर कर देखा तब भी चेहरे पर दाग ही दिखे।  फिर उन्होंने कहा  चश्मा और शीशा  साफ तो कर लेती।  दिल नहीं माना  फिर भी किया।  और तब साफ शीशे और साफ…
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🌲सत्संग की अनूठी दुकान और मै !🌲

आपको मै एक अपना विशेष अनुभव सुनाता हूँ .आप जानकर खुश ही नहीं बहुत खुश हो जाएँगे . आयें अब मेरी ख़ुशी के अनुभव से रूबरू करे .साथ में असीम आनंद की अनुभूति करे .
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  मैं चिर जीवन का प्रतीक हूं

अंशु सारडा'अन्वि'                कभी-कभी हमें ऐसा महसूस होता है कि अरे यह वाकया तो हमारे साथ पहले भी घट चुका है, यह तो मैंने पहले भी पढ़ा है, अमुक व्यक्ति से पहले भी मिले हैं, किसी जगह पर जाने से लगता है कि पहले भी आ चुके हैं या किसी…
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