Browsing Tag

मंथन- पंचनद

मंथन- पंचनद : विमर्श का सांगोपांग मंथन (5)

पार्थसारथि थपलियाल पंचनद -क्षमता और दुर्बलता पर अध्यक्षीय संवाद 14 जून को पंचनद मंथन शिविर में पंचनद शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला चतुर्थ सत्र के प्रस्तोता थे। प्रोफेसर कुठियाला वयोवृद्ध ऊर्जावान-युवा हैं। इस…
Read More...

मंथन- पंचनद : विमर्श का सांगोपांग मंथन (4)

पार्थसारथि थपलियाल वैचारिक युद्ध के नए आयाम- मा. जे. नंदकुमार 14 जून को तीसरे सत्र का विषय था वैचारिक युध्द के नए आयाम। विशेषज्ञ वक्ता थे मा. जे.नंदकुमार। जे.नंदकुमार जी मूल रूप से आदि गुरु शंकराचार्य की जन्मभूमि केरल में जाये…
Read More...

मंथन- पंचनद : विमर्श का सांगोपांग मंथन (3)

पार्थसारथि थपलियाल उद्देश्य का ज्ञान होने पर भी केवल आगे दौड़ने का मतलब यह है कि आप सिर्फ उद्देश्य के लिए दौड़ते रहे। जैसा कुछ किताबों को पढ़ने के बाद उत्तम स्मृति का प्रदर्शन सफल व्यक्ति की पहचान बन जाती है लेकिन गौर करने की बात तो यह भी…
Read More...

मंथन- पंचनद : विमर्श का सांगोपांग मंथन (2)

पार्थसारथि थपलियाल कुरुक्षेत्र में 14-15 जून 2022 को पंचनद शोध संस्थान का मंथन शिविर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। यह वही कुरुक्षेत्र है जहां द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने प्रिय सखा अर्जुन को…
Read More...

मंथन- पंचनद : विमर्श का सांगोपांग मंथन (1)

पार्थसारथि थपलियाल भारतीय संवाद परंपरा में मन में उपजे भावों का विचारों में बदलने के बाद दो स्वरूपों में से एक पक्ष को आधार बनाना है। ये दो पक्ष हैं- परामर्श और विमर्श। परामर्श में सलाह, राय, मत, अभिमत आदि शामिल होते हैं जबकि विमर्श…
Read More...