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बाल्यकाल में संस्कार देना

भारत की नींव : युवाओं के संस्कार और चरित्र निर्माण

स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था - "सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्थाओं का आधार मानव की नैतिक उत्कृष्टता पर टिका है। मानव-चरित्र धन विश्व के समस्त धन-वैभव से कहीं अधिक मूल्यवान है।" पूजनीय मोहन भागवत जी कहते हैं - " दूषित व्यवस्था एक सज्जन…
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