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पाथेय

मंथन- धर्म की अवधारणा-आचार: प्रथमो धर्म:

पार्थसारथि थपलियाल लोग अक्सर धर्म की बात तो करते हैं लेकिन धर्म को जानते नही हैं। कोई मंदिर जाने को धर्म कह देगा, कोई तिलक लगाने को धर्म कह देगा। कुछ लोग रीति रिवाज को तो कोई परंपराओं को धर्म मान लेता है। यह सब अज्ञानताएं हैं। भारतीय…
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पाथेय- हम कौन थे? क्या हो गए और क्या होंगेअभी

पार्थसारथि थपलियाल कुरुक्षेत्र में द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने दुनिया का सर्वोत्तम ज्ञान सारथि रूप में किंकर्तव्यविमूढ़ रथवान युद्धवीर अर्जुन को दिया था। इस ज्ञान को गीता के नाम से जाना जाता है जो महाभारत के भीष्मपर्व का हिस्सा है। उसी…
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