‘स्टील का डब्बा’
चिलचिलाती ज्येष्ठ की दुपहरी हो या सावन की घनघोर बारिश हो सरला अपने बेटे आलेख की स्कूल बस के इन्तजार में समय से पहले बस स्टॉप पे आकर खड़ी हो जाती थी.पल्लु से पसीना पोछती या फिर बारिश की बूंदे हटाते हुए वो बार बार सड़क में दूर तक निगाह दौड़ाती.
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