आह! जिंदगी से अहा! जिंदगी तक
अंशु सारडा'अन्वि'।
पिछले रविवारीय लेख से इस लेख को लिखने के बीच न जाने नदियों में कितना पानी बह चुका होगा, न जाने कितने शवों को गंगा में यूं ही बहा दिया गया होगा, न जाने कितनों ने अपने प्रिय परिवार जनों को खोया होगा, कितनी ही जिंदगियां…
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